"वैदिक साहित्य": अवतरणों में अंतर
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==== सामवेद ====
इसमें गेय मन्त्रों का संग्रह है। यज्ञ के अवसर पर जिस देवता के लिए होम किया जाता था, उसे बुलाने के लिए उद्गाता उचित स्वर में उस देवता का स्तुति-मन्त्र गाता था। इस गायन को ‘साम’ कहते थे। प्रायः ऋचाएँ ही गाई जाती थीं। अतः समस्त [[सामवेद]] में ऋचाएँ ही हैं। इनकी संख्या 1,
==== अथर्ववेद ====
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