"जज़िया": अवतरणों में अंतर

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जजीया कर सीर्फ एक ही बार माफ किया गया था।
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| year = 2004
| pages = 68
}}</ref> इस नियम में कुछ अपवाद भी रहे हैं।<ref name="autogenerated1">Shahid Alam, Articulating Group Differences: A Variety of Autocentrisms, Journal of Science and Society, 2003</ref><ref name="autogenerated2">Ali (1990), pg. 507</ref> लेकिन कई बार इसे सभी गैर मुस्लिमों पर बिना किसी शर्त के लगाया गया है। सामान्यतया ब्राह्मणों पर जजिया कर नहीं लगाया जाता था, और किसी भी जाति को बख्शा नहीं जाता था। यह कर वसूलते समय मुस्लिम कर्मचारी करदाताओं की मानहानि भी करते थे ताकि वे अंततः इस्लाम कबूल कर लें। हालांकि इतिहास में विभिन्न समयों पर इसे हटाया भी गया है।1564 में जजिया कर को अकबर ने राजस्थान से हटाया था। वो भी सीर्फ एक ही बार।
 
== इन्हें भी देखें ==