"राज्य पुनर्गठन आयोग": अवतरणों में अंतर
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→इतिहास: तथा इसके बाद 2जून 2014 को तेलंगाना 29 वां राज्य बना जो आन्ध्रप्रदेश राज्य से अलग हुआ। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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1947 में भारत को आजादी मिलते ही भारत के सामने 562 देशी रियासतों के एकीकरण व पुनर्गठन का सवाल मुंह बाए खड़ा था। इसे ध्यान में रखते हुए इसी साल [[श्याम कृष्ण दर आयोग]] का गठन किया गया। दर आयोग ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का विरोध किया था। उसका मुख्य जोर प्रशासनिक सुविधाओं को आधार बनाने पर था। किन्तु तत्कालीन जनाकाक्षाओं को देखते हुए ही तत्काल उसी वर्ष जेबीपी आयोग (जवाहर लाल नेहरू, बल्लभभाई पटेल, पट्टाभिसीतारमैया) का गठन किया गया। जिसने प्रभावित जनता की आपसी सहमति, आर्थिक और प्रशासनिक व्यवहार्यता पर जोर देते हुए भाषाई आधार पर राज्यों के गठन का सुझाव दिया। इसके फलस्वरूप सबसे पहले 1953 में [[आंध्र प्रदेश]] का [[तेलुगु]]भाषी राज्य के तौर पर गठन किया गया। ध्यातव्य है कि सामाजिक कार्यकर्ता [[पोट्टी श्रीरामलू]] की [[मद्रास]] से [[आंध्र प्रदेश]] को अलग किए जाने की मांग को लेकर 58 दिन के आमरण अनशन के बाद मृत्यु हो गयी थी जिसने अलग तेलुगू भाषी राज्य बनाने पर मजबूर कर दिया था।
22 दिसम्बर 1953 में न्यायाधीश फजल अली की अध्यक्षता में प्रथम '''राज्य पुनर्गठन आयोग''' का गठन हुआ। इस आयोग के तीन सदस्य - न्यायमूर्ति [[फजल अली]], [[हृदयनाथ कुंजरू]] और [[केएम पाणिक्कर]] थे। इस आयोग ने 30
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