"आण्विक क्रम-विकास": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:ADNDNA animation.gif|thumb|right|[[आनुवांशिकता]] का आधार [[डीएनए]] [[अणु]], जिसके [[क्रम-विकास]] से नई जीव जातियाँ उत्पन्न होती हैं।]]
'''आण्विक क्रम-विकास''' समय के साथ-साथ [[अणुओं]] (मॉलीक्यूल) में होने वाले [[क्रम-विकास]] (इवोल्युशन) को कहते हैं। जीव-वैज्ञानिकों ने कुछ अणुओं की श्रेणियों में युगों के साथ-साथ आए परिवर्तन का गहराई से अध्ययन किया है, जैसे कि [[डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल]], [[राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल]] और भिन्न प्रकारों के [[प्रोटीन]]। इन अणुओं में हुए क्रम-विकास का जीव-जंतुओं पर बहुत बड़ा असर पड़ता है क्योंकि किसी जीव के अंदर मौजूद [[आनुवंशिकी]] (यानि जॅनॅटिक) अणु ही यह तय करते हैं कि जीव की प्रकृति क्या होगी। मनुष्यों में भी रंग-रूप, लम्बाई-नाटापन, यहाँ तक कि [[रक्त समूह]] भी यही आनुवंशिकी-सम्बंधित अणु निर्धारित करते हैं।