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'''नास्तिकता''' अथवा नास्तिकवाद या अनीश्वरवाद (English: [[:en:Atheism|Atheism]]), वह सिद्धांत है जो जगत् की सृष्टि करने वाले, इसका संचालन और नियंत्रण करनेवाले किसी भी ईश्वर के अस्तित्व को सर्वमान्य प्रमाण के न होने के आधार पर स्वीकार नहीं करता।<ref>{{cite web|url=http://www.bbc.com/hindi/international/2015/11/151118_atheism_taboo_in_arab_world_sr|title=अरब जगत में नास्तिक होना कितना सुरक्षित?}}</ref> (नास्ति = न + अस्ति = नहीं है, अर्थात ईश्वर नहीं है।) नास्तिक लोग [[ईश्वर]] ([[भगवान]]) के अस्तित्व का स्पष्ट प्रमाण न होने कारण झूठ करार देते हैं। अधिकांश नास्तिक किसी भी देवी देवता, परालौकिक शक्ति, धर्म और आत्मा को नहीं मानते। [[हिन्दू दर्शन]] में नास्तिक शब्द उनके लिये भी प्रयुक्त होता है जो वेदों को मान्यता नहीं देते। नास्तिक मानने के स्थान पर जानने पर विश्वास करते हैं। वहीं आस्तिक किसी न किसी ईश्वर की धारणा को अपने that next time I love you and your balance due is place to stay in touch with you and your family and friends is place to stay in touch with you and your family and friends is place to stay in touch with you and your family and friends is place to stay in touch with you and your family a very good and your family a happy new bush administration team, संप्रदाय, जाति, कुल या मत के अनुसार बिना किसी प्रमाणिकता के स्वीकार करता है। नास्तिकता इसे [[अंधविश्वास]] कहती है क्योंकि किसी भी दो धर्मों और मतों के ईश्वर की मान्यता एक नहीं होती है। नास्तिकता रूढ़िवादी धारणाओं के आधार नहीं बल्कि वास्तविकता और प्रमाण के आधार पर ही ईश्वर को स्वीकार करने का दर्शन है। नास्तिकता के लिए ईश्वर की सत्ता को स्वीकार करने के लिए अभी तक के सभी तर्क और प्रमाण अपर्याप्त है।
 
==नास्तिकता, धर्म और नैतिकता==