"नाभिकीय अम्ल": अवतरणों में अंतर

छो Undid edits by 42.108.8.95 (talk) to last version by Navinsingh133
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना SWViewer [1.3]
पंक्ति 24:
नाभिकीय अम्ल प्रायः या तो एकल-सूत्री या द्वि-सूत्री होते हैं; यद्यपि तीन या अधिक सूत्रों वाले ढाँचे भी बन सकते हैं। एक द्वि-सूत्री नाभिकीय अम्ल में दो एकल-सूत्री नाभिकीय अम्ल [[हाइड्रोजन बंध]] द्वारा जुड़े रहते हैं, किन्तु कोई एक सूत्र भी वापस मुड़ कर द्वि-सूत्र जैसा जुड़ सकता है, जैसा कि टी-आर.एन.ए. एवं आर-आरएनए में होता है। कोशिका के भीतर, डीएनए प्रायः द्विसूत्री होता है, यद्यपि कुछ विषाणुओं में एकल-सूत्री डी.एन.ए. भी होता है, जो उनका जीनोम होता है। रिट्रोवायरस का जीनोम एकल सूत्री आ.एन.ए. ही होता है।
 
नाभिकीय अम्ल में शर्करा और फॉस्फेट, एक-दूसरे से एकांतरित शृंखला में जुड़े रहते हैं, जो साझे [[ऑक्सीजन]] परमाणुओं द्वारा जुडे रहते हैं, जिनसे फॉस्फोडिस्टर बन्ध बना रहता है। पारंपरिक नोमेन्क्लेचर में नाभिकीय अम्ल में वे [[कार्बन]] परमाणु, जिनमें फॉस्फेट समूह जुड़ता है, वे शर्करा के तीसरे एवं पाँचवें कार्बन होते हैं। इससे नाभिकीय अम्ल को ध्रुवता मिलती है। ये क्षारक, एक ग्लाइकोसिडिक लिंकेज को पैन्टोज़ शर्करा वलय के पहले कार्बन तक जोड़ते हैं। क्षारक पायरिमिडाइन के एन-१ एवं प्यूराइन के एन-९ को राइबोज़ के प्रथम कार्बन से एन-बीटा ग्लाइकोसिल बन्ध द्वारा जोजोड़ते हैं।
 
== नाभिकीय अम्ल के प्रकार ==
=== राइबोनाभिकीय अम्ल ===
{{main|आर एन ए}}