"ऋषभदेव": अवतरणों में अंतर
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== हिन्दु ग्रन्थों में वर्णन ==
[[वैदिक
हिन्दूपुराण [[श्रीमद्भागवत]] के पाँचवें स्कन्ध के अनुसार मनु के पुत्र प्रियव्रत के पुत्र आग्नीध्र हुये जिनके पुत्र राजा नाभि (जैन धर्म में नाभिराय नाम से उल्लिखित) थे। राजा नाभि के पुत्र ऋषभदेव हुये जो कि महान प्रतापी सम्राट हुये। भागवतपुराण अनुसार भगवान ऋषभदेव का विवाह [[इन्द्र]] की पुत्री [[जयन्ती]] से हुआ। इससे इनके सौ पुत्र उत्पन्न हुये। उनमें [[भरत चक्रवर्ती]] सबसे बड़े एवं गुणवान थे।<ref>श्रीमद्धभागवत पंचम स्कन्ध, चतुर्थ अध्याय, श्लोक ९</ref> उनसे छोटे कुशावर्त, इलावर्त, ब्रह्मावर्त, मलय, केतु, भद्रसेन, इन्द्रस्पृक, विदर्भ और कीकट ये नौ राजकुमार शेष नब्बे भाइयों से बड़े एवं श्रेष्ठ थे। उनसे छोटे कवि, हरि, अन्तरिक्ष, प्रबुद्ध, पिप्पलायन, आविर्होत्र, द्रुमिल, चमस और करभाजन थे।
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