"भारत की संस्कृति": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Cultural regional areas of India.png||thumb|भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र]]
 
'''[[भारत]] की संस्कृति''' बहुआयामी है जिसमें [[भारत का इतिहास|भारत का महान इतिहास]], विलक्षण [[भारतीय भूगोल|भूगोल]] और [[सिंधु घाटी सभ्यता|सिन्धु घाटी की सभ्यता]] के दौरान बनी और आगे चलकर [[वैदिक सभ्यता|वैदिक युग]] में विकसित हुई, [[भारत में बौद्ध धर्म का धर्म]] एवं '''स्वर्ण युग''' harry styles is awesome... फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, [[भारत की भाषाएँ|भाषाएँ]], प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। [[भारत]] कई [[भारतीय धर्म|धार्मिक प्रणालियों]], जैसे कि [[हिन्दू धर्म]], [[जैन धर्म]], [[बौद्ध धर्म]] और [[सिख धर्म]] जैसे धर्मों का जनक है।
इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और '''परम्पराओं''' ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है।
{{भारत की संस्कृति}}
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== वस्त्र-धारण ==
[[चित्र:Cropped Tripuri.jpg|thumb| बायाँ | [[त्रिपुरा]] की की लडकियां पारंपरिक नृत्य महोत्सव में भाग लेते समय एक ''[[बिंदी]] ([[:en:bindi|bindi]])'' लगाती हैं ]]
[[नारी|महिलाओं]] के लिए पारंपरिक भारतीय कपडों में शामिल हैं, [[साड़ी]], [[सलवार कमीज़]] ([[:en:salwar kameez|salwar kameez]]) और घाघरा चोली (लहंगा)[[धोती]], [[लुंगी]] ([[:en:Lungi|Lungi]]), और [[कुर्ता]] [[पुरुष|पुरुषों]] ([[:en:men|men]]) के पारंपरिक वस्त्र हैं [[मुम्बई|बॉम्बे]], जिसे मुंबई के नाम से भी जाना जाता है भारत की फैशन राजधानी है भारत के कुछ ग्रामीण हिस्सों में ज़्यादातर पारंपरिक कपडे ही पहने जाते हैं [[दिल्ली]], [[मुम्बई|मुंबई]],[[चेन्नई]], [[अहमदाबाद]] और [[पुणे]] ऐसी जगहें हैं जहां खरीदारी करने के शौकीन लोग जा सकते हैं दक्षिण भारत के पुरुष सफ़ेद रंग का लंबा चादर नुमा वस्त्र पहनते हैं जिसे अंग्रेजी में [[धोती]] और तमिल में ''वेष्टी'' कहा जाता है धोती के ऊपर, पुरुष शर्ट, टी शर्ट या और कुछ भी पहनते हैं जबकि महिलाएं साड़ी पहनती हैं जो की रंग बिरंगे कपडों और नमूनों वाला एक चादरनुमा वस्त्र हैं यह एक साधारण या फैंसी ब्लाउज के ऊपर पहनी जाती है यह युवा लड़कियों और महिलाओं द्वारा पहना जाता है। छोटी लड़कियां ''पवाडा'' पहनती हैं ''पवाडा'' एक लम्बी स्कर्ट है जिसे ब्लाउज के नीचे पहना जाता है। दोनों में अक्सर खुस्नूमा नमूने बने होते हैं [[बिंदी (सजावट)|बिंदी]] ([[:en:Bindi (decoration)|Bindi]]) महिलाओं के श्रृंगार का हिस्सा है। परंपरागत रूप से, लाल बिंदी (या सिन्दूर) केवल शादीशुदा हिंदु महिलाओं द्वारा ही लगाईं जाती है, लेकिन अब यह महिलाओं के फैशन का हिस्सा बन गई है।<ref>[http://www.kamat.com/kalranga/women/bindi.htm कामत की पोत्पौरी : पवित्र बिंदी का महत्व]<!-- Bot generated title --></ref>
[[भारतीय-पश्चिमी पहनावा|भारतीय और पश्चिमी पहनावा]] ([[:en:Indo-western clothing|Indo-western clothing]]), [[पश्चिमी संस्कृति|पश्चिमी]] ([[:en:western culture|Western]]) और [[दक्षिण एशिया|उपमहाद्वीपीय]] ([[:en:South Asia|Subcontinental]]) [[फैशन]] ([[:en:fashion|fashion]]) का एक मिला जुला स्वरूप हैं अन्य कपडों में शामिल हैं - [[चूड़ीदार|चूडीदार]] ([[:en:Churidar|Churidar]]), [[दुपट्टा]] ([[:en:Dupatta|Dupatta]]), [[गमछा]] ([[:en:Gamchha|Gamchha]]), [[कुर्ता|कुरता]], [[मुनडम नेरियाथम|मुन्दुम नेरियाथुम]] ([[:en:Mundum Neriyathum|Mundum Neriyathum]]), [[शेरवानी]] .
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=== वास्तुकला ===
{{Main|भारतीय वास्तु}}
[[चित्र:Marwar Hall.jpg|thumb| बायाँ |[[राजस्थान]] स्थित [[उमैद भवन पैलेस का]] मारवाड़ हॉल ]]
भारतीय वास्तुकला में शामिल है- समय और स्थान के साथ साथ लगातार नए विचारों को अपनाती हुई अभिव्यक्ति का बाहुल्य.इसके परिणामस्वरूप ऐसे वास्तुशिल्प का उत्पादन हुआ जो इतिहास के दौरान निश्चित रूप से एक निरंतरता रखता है। इसके कुछ बेहद शुरूआती उदहारण मिलते हैं शिन्धु घटी सभ्यता (२६००-१९०० ईसा पूर्व) में जिसमें सुनियोजित शहर और घर पाए जाते थे। इन शहरों का खाका तय करने में धर्म और राजा द्वारा संचालन की कोई महत्वपूर्ण भूमिका रही, ऐसा प्रतीत नहीं होता।