"बहाई धर्म": अवतरणों में अंतर

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== सिद्धांत ==
बहाई धर्म की शुरुआत 'बआबी' नामक [[इब्राहीमी धर्म|इब्राहिमी परम्परा]] परंपरा से हुई। '''“बहाउल्लाह”''' को इस युग का ईश्वरीय अवतार मानने वाले अनुयायी बहाई कहलाते हैं। बहाउल्लाह द्वारा लिखी गई पुस्तक "किताब-ए-अकदस" में इसके सिद्धांतों का विवरण मिलता है जो १८७३ के आसपास लिखी गई थी। इस क़िताब को इसके [[फ़ारसी]] नाम ''किताब-ए-अकदस'' के नाम से अधिक जाना जाता है।
 
बहाई धर्म के अनुयायी सम्पूर्ण विश्व के लगभग १८० देशों में समाज-नवनिर्माण के कार्यों में जुटे हुए हैं। बहाई धर्म में धर्म गुरु, पुजारी, मौलवी या पादरी वर्ग नहीं होता है।