"शिशुपालवध": अवतरणों में अंतर

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"श्री कृष्ण देवन के देव, उन्हीं को सब से आगे लेव।
 
ब्रह्मा शंकर पूजत जिनको, पहिली पूजा दीजै उनको।
 
अक्षर ब्रह्म कृष्ण यदुराई, वेदन में महिमा तिन गाई।
 
अग्र तिलक यदुपति को दीजै, सब मिलि पूजन उनको कीजै।"