"अमर सिंह प्रथम": अवतरणों में अंतर
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प्रारम्भ में मुगल सेना के आक्रमण न होने से अमर सिंह ने राज्य में सुव्यवस्था बनाया। जहांगीर के द्वारा करवाये गयें कई आक्रमण विफल किये। अंत में खुर्रम ने मेवाड़ अधिकार कर लिया। हारकर बाद में इन्होनें अपमानजनक संधि की। वे मेवाड़ के अंतिम स्वतन्त्र शासक थे।
राणा अमर सिंह प्रजा भक्त थे। इनको गुलामी में रहना अच्छा नहीं लगा, अतः इन्होंने आपना राज्य आपने पुत्र को दे कर ख़ुद एक कुटिया में रहने लग गए। अमर सिंह ने अपने पूरे जीवन में 17 बार मुगल को हरा कर मेवाड़ को बचाया था । पर सेना ख़तम होने के बाद जहांगीर ने हमला कर के कब्जा कर लिया । प्रजा के भलाई के लिए अमरसिंह ने संधी कर ली । और राज्य आपने बेटे को दे दिया। उनको मुगल की संगत पसंद नहीं थी
==सन्दर्भ==
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