"देवी लाल": अवतरणों में अंतर

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देवीलाल के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने सन उन्नीस सौ नवासी में प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया था। वास्तव में [[चंद्रशेखर]] को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए [[ विश्वनाथ प्रताप सिंह]] द्वारा बनाई गई चाल में वह फस गए। जब पार्टी के संसदीय दल का चुनाव हुआ तब प्रधानमंत्री पद के लिए सांसदों ने देवीलाल को चुना परंतु देवीलाल ने कुछ बहाना बनाते हुए बी पी सिंह को यह जिम्मेदारी दे दी। और इस प्रकार यह लोग उस समय [[चंद्रशेखर]] को प्रधानमंत्री बनने से रोकने में सफल रहें। बाद में जब चंद्रशेखर ने जनता दल का विभाजन कराया और [[राजीव गांधी]] के सहयोग से प्रधानमंत्री बने तब भी देवीलाल ने पाला बदलते हुए चंद्रशेखर गुट को अपना समर्थन दिया और चंद्रशेखर की सरकार में भी उप प्रधानमंत्री बने।
 
 
सन 1972 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए और देवीलाल भजनलाल और बंसीलाल दोनों से नाराज हो गए नाराज होकर उन्होंने आदमपुर और तोशाम दोनों ही सीटों से निर्दलीय पर्चा भर दिया और दोनों सीटों पर चुनाव हार गए आदमपुर में उन्हें भजनलाल ने करीब 10000 वोटों से हराया तो तोशाम में बंसीलाल में करीब 20000 वोटों से हराया
 
== इन्हें भी देखें==