"अकबर": अवतरणों में अंतर
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हुमायूँ को पश्तून नेता [[शेरशाह सूरी]] के कारण [[फारस]] में अज्ञातवास बिताना पड़ रहा था।<ref name="Multiple5">{{cite book|author=बैनर्जी, एस.के|title=हुमायुं बादशाह }}</ref> किन्तु [https://alarmforstudy.blogspot.com/2019/10/akbar.html?m=1 अकबर] को वह अपने संग नहीं ले गया वरन [[रीवां]] (वर्तमान [[मध्य प्रदेश]]) के राज्य के एक ग्राम मुकुंदपुर में छोड़ दिया था। अकबर की वहां के राजकुमार [[राम सिंह प्रथम]] से, जो आगे चलकर रीवां का राजा बना, के संग गहरी मित्रता हो गयी थी। ये एक साथ ही पले और बढ़े और आजीवन मित्र रहे। कालांतर में अकबर [[:w:Safavid Empire|सफ़ावी साम्राज्य]] (वर्तमान [[अफ़गानिस्तान]] का भाग) में अपने एक चाचा मिर्ज़ा अस्कारी के यहां रहने लगा। पहले वह कुछ दिनों [[कंधार]] में और फिर [[१५४५]] से [[काबुल]] में रहा। [[हुमायूँ]] की अपने छोटे भाइयों से बराबर ठनी ही रही इसलिये चाचा लोगों के यहाँ अकबर की स्थिति बंदी से कुछ ही अच्छी थी। यद्यपि सभी उसके साथ अच्छा व्यवहार करते थे और शायद दुलार प्यार कुछ ज़्यादा ही होता था। किंतु अकबर पढ़ लिख नहीं सका वह केवल सैन्य शिक्षा ले सका। उसका काफी समय आखेट, दौड़ व द्वंद्व, कुश्ती आदि में बीता, तथा शिक्षा में उसकी रुचि नहीं रही। जब तक अकबर आठ वर्ष का हुआ, जन्म से लेकर अब तक उसके सभी वर्ष भारी अस्थिरता में निकले थे जिसके कारण उसकी शिक्षा-दीक्षा का सही प्रबंध नहीं हो पाया था। अब हुमायूं का ध्यान इस ओर भी गया। लगभग नवम्बर, +--9-9 में उसने अकबर की शिक्षा प्रारंभ करने के लिए काबुल में एक आयोजन किया। किंतु ऐन मौके पर अकबर के खो जाने पर वह समारोह दूसरे दिन सम्पन्न हुआ। मुल्ला जादा मुल्ला असमुद्दीन अब्राहीम को [Https://alarmforstudy.blogspot.com/2019/10/akbar.html?m=1 अकबर] का शिक्षक नियुक्त किया गया। मगर मुल्ला असमुद्दीन अक्षम सिद्ध हुए। तब यह कार्य पहले मौलाना बामजीद को सौंपा गया, मगर जब उन्हें भी सफलता नहीं मिली तो मौलाना अब्दुल कादिर को यह काम सौंपा गया। मगर कोई भी शिक्षक अकबर को शिक्षित करने में सफल न हुआ। असल में, पढ़ने-लिखने में अकबर की रुचि नहीं थी, उसकी रुचि कबूतर बाजी, घुड़सवारी और कुत्ते पालने में अधिक थी।<ref name="अकबर महान"/> किन्तु ज्ञानोपार्जन में उसकी रुचि सदा से ही थी। कहा जाता है, कि जब वह सोने जाता था, एक व्यक्ति उसे कुछ पढ़ कर सुनाता रह्ता था।<ref name="AknamaVolI">{{cite book|author=फ़ज़्ल, अबुल|title=अकबरनामा, खण्ड १}}</ref> समय के साथ अकबर एक परिपक्व और समझदार शासक के रूप में उभरा, जिसे कला, स्थापत्य, संगीत और साहित्य में गहरी रुचि रहीं।
अकबर एक लुटेरे बाबर को पोता और हुमायु जो राजपूतो के यहां पाला पोसा गया था उसका बेटा था बैरम खान इसका फॉस्टर brother था जिसने अनपढ़ अकबर को 13साल की उम्र में राजा बनाया लेकिन बाद में अकबर ने बैरम खान को मरवाकर उसकी पत्नी से शादी कर ली जो अकबर से उम्र में करीब 10 वर्ष से भी ज्यादा बड़ी थी
== राज्य का विस्तार ==
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