"मौर्य राजवंश": अवतरणों में अंतर

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→‎मौर्य राजवंश-एक झलक: (परंतु उसकी हत्या का प्रमाण उप्लब्ध नही है क्योंकि चाणक्य ने अपनी कूटनीति के चलते हुए धनानन्द के मंत्रिमंडल को अपने पक्ष में कर के धनानन्द को वानप्रस्थ करवा दिया था क्योंकि धनानन्द के पुत्र की हत्या उसी के एक सेनापति ने कर दी थी उसी के वियोग का चाणक्य ने फायदा उठाया और मंत्रिमंडल से धनानन्द को वानप्रस्थ होने को दबाव डाला
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=== मौर्य राजवंश-एक झलक ===
३२२ ई. पू. में चन्द्रगुप्त मौर्य ने अपने गुरू चाणक्य की सहायता से धनानन्द की हत्या (परंतु उसकी हत्या का प्रमाण उप्लब्ध नही है क्योंकि चाणक्य ने अपनी कूटनीति के चलते हुए धनानन्द के मंत्रिमंडल को अपने पक्ष में कर मौर्यके वंशधनानन्द को वानप्रस्थ करवा दिया था क्योंकि धनानन्द के पुत्र की नींवहत्या उसी के एक सेनापति ने कर दी थी उसी के वियोग का चाणक्य ने फायदा उठाया और मंत्रिमंडल से धनानन्द को वानप्रस्थ होने को दबाव डालीडाला थी।{{cn}}
 
चन्द्रगुप्त मौर्य ने नन्दों के अत्याचार व घृणित शासन से मुक्‍ति दिलाई और देश को एकता के सूत्र में बाँधा और मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। यह साम्राज्य गणतन्त्र व्यवस्था पर राजतन्त्र व्यवस्था की जीत थी। इस कार्य में अर्थशास्त्र नामक पुस्तक द्वारा चाणक्य ने सहयोग किया। विष्णुगुप्त व कौटिल्य उनके अन्य नाम हैं। आर्यों के आगमन के बाद यह प्रथम स्थापित साम्राज्य था।{{cn}}