"गिलगित-बल्तिस्तान": अवतरणों में अंतर
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[[1970]] में "उत्तरी क्षेत्र” नामक यह प्रशासनिक इकाई, [[गिलगित एजेंसी]], लद्दाख़ वज़ारत का [[बल्तिस्तान ज़िला]], [[हुन्ज़ा]] और [[नगर रियासत|नगर]] नामक राज्यों के विलय के पश्चात अस्तित्व में आई थी। पाकिस्तान इस क्षेत्र को विवादित कश्मीर के क्षेत्र से पृथक क्षेत्र मानता है जबकि [[भारत]] और [[यूरोपीय संघ]] के अनुसार यह कश्मीर के वृहत विवादित क्षेत्र का ही हिस्सा है। कश्मीर का यह वृहत क्षेत्र सन 1947 के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय है।
== इतिहास ==
[[चित्र:काराकोरम राजमार्ग.png|thumb|[[काराकोरम राजमार्ग]]]][[काराकोरम राजमार्ग]] के साथ साथ [[हुन्ज़ा]] और [[शतियाल]] के बीच लगभग दस मुख्य स्थानों पर पत्थरों के काट कर और चट्टानों को तराश कर बनाये गये लगभग 20000 कला के नमूने मिलते हैं। इनको मुख्यत इस व्यापार मार्ग का प्रयोग करने वाले हमलावरों, व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के साथ साथ स्थानीय लोगों ने भी उकेरा है। इन कला के नमूनों में सबसे पुराने तो 5000 और 1000 ईसापूर्व के बीच के हैं। इनमें अकेले जानवरों, त्रिकोणीय पुरुषों और शिकार के दृश्यों को जिनमें जानवरों का आकार अमूमन शिकारी से बड़ा है, को उकेरा गया है। पुरातत्वविद कार्ल जेटमर ने इन कला के नमूनों के माध्यम से इस पूरे इलाके के इतिहास को अपनी पुस्तक ''रॉक कार्विंग एंड इंस्क्रिपशन इन द नॉर्दन एरियास ऑफ पाकिस्तान'' में दर्ज किया है। इसके बाद उन्होने अपनी एक दूसरी पुस्तक ''बिटवीन गंधारा एंड द सिल्क रूट–रॉक कार्विंग अलोंग द काराकोरम हाइवे'' को जारी किया।
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