"चंद्रकांता (उपन्यास)": अवतरणों में अंतर

छोNo edit summary
No edit summary
पंक्ति 13:
 
== समीक्षा ==
उपन्यास का आकर्षण हैं तिलिस्मी और ऐयारी के अनेक चमत्कार जो पाठक को विस्मित तो करते ही हैं, रहस्य निर्मित करते हुए उपन्यास को रोचकता भी प्रदान करते हैं। क्रूर सिंह के षड्यंत्र एवं वीरेन्द्र विक्रम के पराक्रम का वर्णन अत्यधिक रोचक बन जाता हैं। लेखक अपने इस उपन्यास में न केवल तिलस्म का बहुत ही सुंदर वर्णन करता है, बल्कि उपन्यास की प्रस्तावना में उसकी सच्चाई के बारे में भी बताता है की कैसे तिलस्म कोई झूठी कहानी नहीं है। लेकिन वक्त के साथ साथ लेखक तिलस्म को जादू के रूप में जोड़कर लिखने लग गए। हकीकत में तिलस्म जादू जैसा दिख सकता है, लेकिन उसमें जादू नहीं हुआ करता था।
 
देवकीनंदन के इस उपन्यास में रहस्य और रोमांच के साथ तिलस्म के बारे में सस्पेन्स ने इस उपन्यास को विलक्षण और एक मील का पत्थर बना दिया। यहाँ तक की आजाद भारत में बहुत से उपन्यासकारों ने उस उपन्यास की हूबूहू और बहुत मिलती जुलती कहानी वाले कई उपन्यास लिखे। उसमें कुछ ने अपने नाम भी उसके साथ मिलते जुलते रखे (जैसे की वेद प्रकाश शर्मा का नॉवेल देव कांता संतति, ओम प्रकाश शर्मा का सूर्य कांता संतति इत्यादि)।
 
==इन्हें भी देखें==