"जैन मुनि": अवतरणों में अंतर

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== पद ==
* '''आचार्य''': मुनि संघ के नेता एवं 36 मूलगुणों के धारी, शिक्षा एवं दीक्षा देने में कुशल।
* '''उपाध्याय''': संघ के नए मुनियों को ज्ञान-अर्जन में सहयोग करते हैं। 25 मूलगुणों के धारी।
* '''मुनि या साधु''': 28 मूल गुण धारीधारी। संसार, भोग एवं शरीर से विरक्त।
* ''एलक'': एक वस्त्र धारी। धारी(केवल लंगोट) 12 प्रतिमा धारी उत्कृष्ट श्रावक।
* ''क्षुल्लक'': 2 वस्त्र धारी।धारी(लंगोट एवं दुपट्टा) 12 प्रतिमाधारी मध्यम श्रावक।
* ''आर्यिका '': साधु परमेष्ठि समान 28 मूलगुण धारी मात्र 1 साड़ी धारण करने वाली
* ''आर्यिका ''
* ''क्षुल्लिका'': क्षुल्लक समान मध्यम श्रविका एवं 12 प्रतिमा धारी श्राविका।
* ''क्षुल्लिका''
 
== चातुर्मास ==