"तारागढ़ दुर्ग": अवतरणों में अंतर

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तलाब-इस किले में पानी के तीन तलाब शामिल हैं जो कभी नहीं सूखते। इन तालाबों का निर्माण इंजीनियरिंग (अभीयांत्रिकी) के परिष्कृत और उन्नत विधि का प्रमुख उदाहरण है जिनका प्रयोग उन दिनों में हुआ था।इन जलाशयों में वर्षा का जल सिंचित रखा जाता था और संकटकाल होने पर आम निवासियों की जरूरत के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता था। जलाशयों का आधार चट्टानी होने के कारण पानी सालभर यहां एकत्र रहता था।
 
खंम्भों की छतरी- कोटा जाने वाले मार्ग पर देवपुरा ग्राम के निकट एक विशाल छतरी बनी हुई है। इस छतरी का निर्माण राव राजा अनिरूद्ध सिंह के धाबाई देवा के लिए 1683 में किया। तीन मंजीला छतरी 84 भव्य स्तंभ हैं।हैं।Isi durg ko gadbithali kaha jata hai.
 
==सन्दर्भ==