"वार्ता:विक्रमादित्य": अवतरणों में अंतर

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भविष्य पुराण, आइन ए अकबरी और अन्यान्य विद्वान, नेपाल की राज वंशावली आदि के अनुसार चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य, प्रमार वंश के थे। फिर उन्हें लोधी वंश के बोलना बीना प्रमाण के यह गलत है। विक्रमादित्य लोधी नहीं थे। वे अग्निवंश के प्रमार क्षत्रिय थे। कृपया विक्रमादित्य को लोधी करार देने वाले पृष्ठ की सामग्री हटाने की कृपा करे।
धन्यवाद। [[सदस्य:Aniket M Gautam|Aniket M Gautam]] ([[सदस्य वार्ता:Aniket M Gautam|वार्ता]]) 15:38, 18 अक्टूबर 2019 (UTC)
 
== विक्रमादित्य पँवार थे लोधी नहीं थे, लोधी वाला लेखन पृष्ठ से हटाया जाए। ==
 
तारिख फरिश्त नामक प्रसिद्ध ग्रंथ में विक्रमादित्य को पँवार कहा गया है, लिखा वर्णन इस तरह से है --
"विक्रमादित्य जाती के पँवार थे। उनका स्वभाव बहुत अच्छा था। उनके विषय में जो कहानियां हिंदूओ में प्रचलित है, उससे स्पष्ट होता है कि उनका वास्तविक स्वरूप कितना महान था। युवा अवस्था में यह राजा बहुत समय तक साधुओं के वेशभूषा में (मालवगण में) भ्रमण करता रहा। उसने बड़ा तपस्वी जीवन व्यतीत किया। थोडे़ ही दिनों में नहरवाला और मालवा दोनों देश उसके अधिपत्य में हो गये। यह निश्चित था कि वह एक महापराक्रमी चक्रवर्ती राजा होगा। राजकाज हाथ में लेते ही उसने न्याय को संसार में ऐसा फैलाया कि अन्याय का चिन्ह बाकी न रहा और साथ ही साथ उदारता भी अनेकों कार्यों में दिखलाईं।" [[सदस्य:Aniket M Gautam|Aniket M Gautam]] ([[सदस्य वार्ता:Aniket M Gautam|वार्ता]]) 12:25, 6 नवम्बर 2019 (UTC)
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