"श्योपुर ज़िला": अवतरणों में अंतर

जाट खेड़ा पार्वती मंदिर हमारे यहां का प्राचीन मंदिर है और यह बहुत ही प्रसिद्ध है और इस मंदिर पर सावन के महीने में दूर-दूर से यात्री पैदल चलकर झंडा चढ़ाने आते हैं
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मेने इसमे कुछ लेख जोड़े है जो मुझे जरुरी लगे जिले के बारे मे
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|Website = http://sheopur.nic.in
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'''श्योपुर ज़िला''' मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है। श्‍योपुर के पूर्व में मध्‍य प्रदेश के शिवपुरी , पश्चिम में राजस्‍थान के कोटा, उत्तर में मुरैना, ग्‍वालियर एवं दक्षिण में राजस्‍थान के कोटा ज़िले से जुड़ा हुआ है। यह ज़िला सड़क मार्ग से व्यवस्थित रूप से जुड़ा हुआ है। श्‍योपुर ग्‍वालियर नैरोगेज लाईन से भी जुड़ा हुआ है। यहा से विजयपुर, कराहल और बड़ौदा के लिए परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। और यहा से राजस्थान का जिला सवाई माधोपुर के लिये भी भी परिवहन सेवाएं उपलब्ध है पालपुर (कुनो) की वाइल्ड लाइफ सेंचुरी यहाँ का मुख्य पर्यटन स्थल है। ककेता जलाशय भी मुख्य रूप से इसी ज़िले में है। यह ज़िला लकड़ी के फ़र्नीचर के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ पर सागौन के दरवाजे, खिड़की आदि बहुत ही खुबसूरत ढंग से बनाए जाते हैं। ज़िले में मुख्य रूप से चंबल, सीप और कुनो नदियाँ बहती हैं। चंबल नदी इंदौर से होते हुए दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश की ओर बहती है।श्योपुर जिले को हिन्दु देवी देवताओ प्रति आस्था वाला जिला माना जाता है! यहाँ से प्रति वर्ष सावन के महिने मैं बहुत दूर दूर जैसे कि गोवर्धन (मथुरा),केलादेवी(करोली),श्रीजी (दिग्गीपुरी राजस्थान
), त्रिनेत्र गनेश जी (सवाई माधोपुर ) आदि जिलों मै पदयात्रा जाती हैं| ज़िले के 15 प्रतिशत गाँव सड़क व रेल मार्ग से जुड़े हुए हैं। सड़क मार्ग सभी तहसील मुख्यालयों से जुड़ा हुआ है। श्‍योपुर की कराहल तहसील में प्रदेश की सहरिया जनजाति निवास करती है।