"बाबरी मस्जिद": अवतरणों में अंतर

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'''बाबरी मस्जिद''' [[उत्तर प्रदेश]] को ऐक [[फ़ैज़ाबाद]] ज़िले के [[अयोध्या]] शहर में रामकोट पहाड़ी ("राम का किला") पर एक [[मस्जिद]] hai।थी जो कभी वापिस नही बनेगी

रैली के आयोजकों द्वारा मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने देने की [[भारत का उच्चतम न्यायालय|भारत के सर्वोच्च न्यायालय]] से वचनबद्धता के बावजूद, 1992 में 150,000 लोगों की एक हिंसक रैली<ref name="in.news.yahoo.com">[http://in.news.yahoo.com/070919/139/6kxrr.html आज बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई]. याहू (Yahoo) समाचार - 18 सितंबर 2007</ref> के दंगा में बदल जाने से यह विध्वस्त हो गयी।<ref name="news.bbc.co.uk">[http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/2528025.stm बाबरी मस्जिद टियरिंग डाउन - आई विटनेस बीबीसी मार्क टुली] [[बीबीसी|बीबीसी (BBC)]] - गुरुवार, 5 दिसम्बर 2002, 19:05 GMT</ref><ref name="newindpress.com">[http://www.newindpress.com/NewsItems.asp?ID=IEH20050130092611&amp;Page=H&amp;Title=Top+Stories&amp;Topic=0 10 महीने पहले ही बाबरी मस्जिद विध्वंस की योजना बनाई गई थी - पीटीआई (PTI)]</ref> मुंबई और [[दिल्ली]] सहित कई प्रमुख भारतीय शहरों में इसके फलस्वरूप हुए दंगों में 2,000 से अधिक लोग मारे गये।<ref>[http://news.bbc.co.uk/1/hi/world/americas/1843879.stm अयोध्या विवाद.] बीबीसी (BBC) समाचार. 15 नवम्बर 2004.</ref>
[[भारत]] के प्रथम [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल]] सम्राट [[बाबर]] के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।<ref name="Colin">{{cite book|last=फ्लिन्ट|first=कोलिन|title=द जिओग्रफी ऑफ वार & पीस [युद्ध और शांति का भूगोल]|publisher=Oxford University Press|year=2005|isbn=9780195162080|url=http://books.google.com/books?id=7Ms5N7NhGXIC&pg=PA165}}</ref><ref name="Karen ">{{cite book|last=Vitelli|first=Karen |title=Archaeological ethics|publisher=Rowman Altamira|year=2006|edition=2|isbn=9780759109636|url=http://books.google.com/books?id=LTW1Rf-NfJsC&pg=PA104}}</ref> पुजारियों से हिन्दू ढांचे या निर्माण को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा। 1940 के दशक से पहले, मस्जिद को मस्जिद-ए-जन्म अस्थान ({{lang-ur|{{नस्तालीक़|مسجدِ جنم استھان}}}}, अनुवाद : "जन्म स्थान की मस्जिद") कहा जाता था, इस तरह इस स्थान को हिन्दू ईश्वर, [[राम]] की जन्मभूमि के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है।<ref>सैयद शहाबुद्दीन अब्दुर रहमान, बाबरी मस्जिद, तीसरा मुद्रण, आजमगढ़: दारूल मुसंनिफिन शिबली अकादमी, 1987, पीपी 29-30.</ref> पुजारियों से हिन्दू ढांचे को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।
 
[[भारत]] के प्रथम [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल]] सम्राट [[बाबर]] के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।<ref name="Colin">{{cite book|last=फ्लिन्ट|first=कोलिन|title=द जिओग्रफी ऑफ वार & पीस [युद्ध और शांति का भूगोल]|publisher=Oxford University Press|year=2005|isbn=9780195162080|url=http://books.google.com/books?id=7Ms5N7NhGXIC&pg=PA165}}</ref><ref name="Karen ">{{cite book|last=Vitelli|first=Karen |title=Archaeological ethics|publisher=Rowman Altamira|year=2006|edition=2|isbn=9780759109636|url=http://books.google.com/books?id=LTW1Rf-NfJsC&pg=PA104}}</ref> पुजारियों से हिन्दू ढांचे या निर्माण को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा। 1940 के दशक से पहले, मस्जिद को मस्जिद-ए-जन्म अस्थान ({{lang-ur|{{नस्तालीक़|مسجدِ جنم استھان}}}}, अनुवाद : "जन्म स्थान की मस्जिद") कहा जाता था, इस तरह इस स्थान को हिन्दू ईश्वर, [[राम]] की जन्मभूमि के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है।<ref>सैयद शहाबुद्दीन अब्दुर रहमान, बाबरी मस्जिद, तीसरा मुद्रण, आजमगढ़: दारूल मुसंनिफिन शिबली अकादमी, 1987, पीपी 29-30.</ref> पुजारियों से हिन्दू ढांचे को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।
 
बाबरी मस्जिद [[उत्तर प्रदेश]], [[भारत]] के इस राज्य में 3 करोड़ 10 लाख [[मुसलमान|मुस्लिम]] रहा करते हैं, की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक थी।<ref>[http://www.censusindia.gov.in/ भारतीय जनगणना]</ref> हालांकि आसपास के ज़िलों में और भी अनेक पुरानी मस्जिदें हैं, जिनमे शरीकी राजाओं द्वारा बनायी गयी हज़रत बल मस्जिद भी शामिल है, लेकिन विवादित स्थल के महत्व के कारण बाबरी मस्जिद सबसे बड़ी बन गयी। इसके आकार और प्रसिद्धि के बावजूद, ज़िले के मुस्लिम समुदाय द्वारा मस्जिद का उपयोग कम ही हुआ करता था और अदालतों में हिंदुओं द्वारा अनेक याचिकाओं के परिणामस्वरूप इस स्थल पर राम के हिन्दू भक्तों का प्रवेश होने लगा। बाबरी मस्जिद के इतिहास और इसके स्थान पर तथा किसी पहले के मंदिर को तोड़कर या उसमें बदलाव लाकर इसे बनाया गया है या नहीं, इस पर चल रही राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक बहस को "अयोध्या विवाद" के नाम से जाना जाता है।