"ऋग्वेद": अवतरणों में अंतर

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=== आधुनिक भाष्य तथा व्याख्या ===
आधुनिक कल में ऋग्वेद को समझने हेतु महर्षि [[दयानन्द सरस्वती]] द्वारा "[[ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका]]" की रचना की गई। और उस भाष्य का फिर आगे सरल संस्कृत एवं हिन्दी में अनुवाद प॰ [[गुरुदत्त विद्यार्थी]] ने किया। इसी प्रकार स्वामी जी ने यजुर्वेद का भी भाष्य लिखा। उन्होने अंधविश्वास मिटाने हेतु और सत्य विद्या को जन जन तक पहुँचने हेतु [[हिन्दी]] में " [[सत्यार्थ प्रकाश]] " नामक ग्रंथ की रचना की और आर्य समाज संस्था कि स्थापना की ।
 
== इन्हें भी देखें ==