"अयोध्या विवाद": अवतरणों में अंतर

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'''[[अयोध्या]]''' विवाद एक राजनीतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक-धार्मिक विवाद है जो नब्बे के दशक में सबसे ज्यादा उभार पर था। इस विवाद का मूल मुद्दा [[राम जन्मभूमि]] और [[बाबरी मस्जिद]] की स्थिति को लेकर है।<ref>{{cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/india/2009/06/090630_ayodhya_timeline_ad_tc2|title=अयोध्या में कब-कब क्या हुआ?}}</ref> विवाद इस बात को लेकर हैथा कि क्या [[हिंदू]] मंदिर को ध्वस्त कर वहां मस्जिद बनाया गया या मंदिर को मस्जिद के रूप में बदल दिया गया।
 
अयोध्या विवाद जो कि सर्वोच्च न्यायालय मे लंबित था, उसका निर्णय पाँच जजों की मुख्य न्यायाधीश रजंन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा 9.11.2019 को दिया गया। इसके अन्तर्गत उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने शिया वक्फ बोर्ड , निर्मोही अखाड़ा की याचिका को खारिज कर दिया। एंव सून्नी वक्फ बोर्ड को वाद लगाने का अधिकारी नही माना गया। तत्पश्चात सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने 5-0 से एकमत होकर विवादित स्थल को मंदिर का स्थल मानते हुए, फैसला रामलला के पक्ष मे सुनाया।
== फैसला ==
अयोध्या विवाद जो कि [[भारत का उच्चतम न्यायालय|सर्वोच्च न्यायालय]] मे लंबित था, उसका निर्णय पाँच जजों की मुख्य न्यायाधीश रजंन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा 9.11.2019९ नवंबर २०१९ को दिया गया।<ref name=":0">{{Cite web|url=https://www.bhaskar.com/national/news/ayodhya-ram-mandir-sc-verdict-faisla-live-updates-ram-janmabhoomi-babri-land-dispute-01682585.html|title=सुप्रीम कोर्ट का फैसला- विवादित जमीन पर राम मंदिर बने, मुस्लिमों को मस्जिद के लिए जमीन मिले|last=rohitashwa.mishra|date=2019-11-10|website=Dainik Bhaskar|language=hi|access-date=2019-11-09}}</ref> इसके अन्तर्गत [[भारत के उच्च न्यायालयों की सूची|उच्च न्यायालय]] के फैसले को पलटते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने शिया वक्फ बोर्ड , और निर्मोही अखाड़ा की याचिका को खारिज कर दिया।दिया, एंवएवं सून्नी वक्फ बोर्ड को वाद लगाने का अधिकारी नही माना गया। तत्पश्चात सर्वोच्च न्यायालय की बेंच ने 5-0 से एकमत होकर विवादित स्थल को मंदिर का स्थल मानते हुए, फैसला रामलला के पक्ष मे सुनाया। इसके अंतर्गत विवादित भूमि को [[राम जन्मभूमि]] माना गया और मस्जिद के लिये अयोध्या में ज़मीन देने का आदेश सरकार को दिया।<ref name=":0" />
 
==इतिहास==
<br /> मुग़ल शासक बाबर 1526 में भारत आया। 1528 तक वह अवध वर्तमान अयोध्या तक पहुँच गया। बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1528-29 में एक मस्जिद का निर्माण कराया था। यह अभी भी रहस्य है कि क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनवाई गई या मंदिर की ही मस्जिद.नही।
 
== इन्हें भी देखें==