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अयोध्या का रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद का निपटारा अंतिम रूप से हो चूका है 9 नवम्बर 2019 को। सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ ने हिन्दू पक्ष (राम लल्ला) को 2.77 एकड़ विवादित जमीन देने का फैसला सुनाया है।
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'''बाक़ी ताशकंदी''', जिसे '''मीर बाक़ी''' के नाम से जाना जाता है, मुग़ल सम्राट [[बाबर]] का सेनापति (बेग) था। वह मूल रूप से [[ताशकंद]] (अब [[उज्बेकिस्तान]] में) का था। ऐसा माना जाता है कि [[अवध]] प्रान्त का गवर्नर बना दिया गया था। उसने [[बाबरी मस्जिद]] की स्थापना की थी, जोकि आधुनिक भारत काके बहुतसबसे बड़ाबड़े विवादधार्मिक मतभेदों में से एक है। हालाँकि सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में 9 नवम्बर 2019 को इस मतभेद का निपटारा कर दिया है । और 2.77 एकड़ की विवादित जमीन राम लल्ला (हिन्दू पक्ष) को देने का फ़ैसला दिया है साथ ही केंद्र सरकार को एवं राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड (मुस्लिम पक्ष) को अयोध्या में ही कही प्रमुख जमीन मुहैया कराए।<ref name="noorani2003">{{Citation |last=Noorani |first=A. G. | title=The Babri Masjid Question, 1528-2003, Volume 1 | year=2003 | publisher=Tulika Books | isbn=81-85229-78-3 | url=https://books.google.com/books?id=4kJuAAAAMAAJ |at= Introduction (p.&nbsp;xvii) |quote=It asserts that the Mughal Emperor Babar's Governor at Awadh, Mir Baqi Tashqandi, built the Babri Masjid (mosque) at Ayodhya ... The mosque was built in 1528 ...}}</ref>
 
==सन्दर्भ==