"अबुल कलाम आज़ाद": अवतरणों में अंतर

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|उपनाम =
|जन्मस्थल = [[मक्का]],[[उस्मानी साम्राज्य]]
|मृत्युस्थल = [[दिल्ली]],[[भाjरतभारत]]
|आन्दोलन = [[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]
|संगठन = [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]
}}
 
'''मौलाना अबुल कलाम आज़ाद''' या '''अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन''' ([[11 नवंबर]], [[1888]] - [[22 फरवरी]], [[1958]]) एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे। वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। [[भारत]] की आजादी के वादबाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। [[खिलाफत आंदोलन]] में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। [[1923]] में वे भारतीय नेशनलराष्ट्रीय काग्रेंसकांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे [[1940]] और [[1945]] के बीच काग्रेंसकांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के वादबाद वे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।<ref>{{Cite news|url=https://hindi.newsd.in/india-first-education-minister-maulana-abul-kalam-azad-death-anniversary/|title=देश के पहले शिक्षा मंत्री, हिंदू-मुस्लिम एकता के हिमायती मौलाना अबुल कलाम आजाद|work=Newsd www.hindi.newsd.in|access-date=2019-02-22|language=en}}</ref>
 
 
वे धारासन सत्याग्रह के अहम इन्कलाबी (क्रांतिकारी) थे। वे 1940-45 के बीटबीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जिस दौरान भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था। कांग्रेस के अन्य प्रमुख नेताओं की तरह उन्हें भी तीन साल जेल में बिताने पड़े थे। स्वतंत्रता के बाद वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना में उनके सबसे अविस्मरणीय कार्यों में से एक था।
 
== जीवन ==