"इन्दौर": अवतरणों में अंतर
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→प्रमुख ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल: अली गौहर बादशाह ने खजराना में शाह परिवार को 50 बीघा जमीन इनाम में दी थी। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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== प्रमुख ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल ==
[[चित्र:Rajwada Palace, Indore.jpg|right|thumb|300px|इन्दौर का राजवाड़ा]]
[[राजबाड़ा]], [[
* '''राजबाड़ा''' - यह नगर के बीचोबीच स्थित है। १९८४ के दंगों के समय इसमें आग लग जाने से इसको बहुत क्षति पहुँची थी। उसके बाद इसको कुछ सीमा तक पुनर्निर्मित करने का प्रयत्न किया गया।
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* '''कांच मन्दिर''' - यह एक जैन मन्दिर है जिसमें दीवारों पर अन्दर की तरफ कांच से सजाया गया है।
* '''नाहर शाह वली दरग़ाह''' - हजरत नाहर शाह वली दरगाह इंदौर की सबसे पुरानी दरगाह है और [[खजराना]] क्षेत्र में स्थित है। यह कालका माता मंदिर से थोड़ी दुरी पर है। नाहर शाह वली दरगाह असल में "हजरत सय्यद
सन 1779 से लेकर सन 1967 तक यह दरगाह
[[खजराना]] के [[शाह]] परिवार की मुजावरी और स्वामित्व में रही। [[जावेद शाह खजराना]] ने बताया कि मुगल बादशाह शाह आलम जिसे [[अली गौहर बादशाह]] भी कहा जाता है इन्होंने 50 बीघा जमीन खजराना में दान दी थी । हर वर्ष फरवरी माह में यहां विशाल मेला [[उर्स]] लगता है। फ़िलहाल वक्फ बोर्ड के अधिपत्य में है।
* '''काह्न नदी''' - इन्दौर में एक नदी भी बहती है जिसका पुराना नाम कृष्णा या 'कान्ह नदी' है। 'खान नदी', 'कान्ह' का [[अपभ्रंश]] है। इसलिए इसका नाम बदलकर ''काह्न'' रख दिया गया है।किन्तु पानी की कमी एवं जलमल निकासी को इस नदी में छोड़ने के कारण यह अब एक नाले में बदल चुकी है। इसी के किनारे छतरियां हैं। यह स्थान राजबाड़े से लगभग १०० मीटर की दूरी पर है।
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