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वहीं हीरापुर के महाराजा हिरदेश शाह लोधी जी का इतिहास सन 1842 की क्रांति में मिलता है ।
बुंदेली उत्थान में भी लोधियों का अहम योगदान रहा है
इस प्रकार दांगी लोधी जाट गुर्जर और अहीर सभी पिछड़ी क्षत्रिय जाति मानी जाति है ।
आज़ादी के समय भारत में लोधियों के 23 रजवाड़े थे
कुछ रियासत और कई जागीदरीजागीदारी थीं