"जनरल मोहन सिंह": अवतरणों में अंतर

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सरदार मोहन सिह जी एक ऐसे दलित वर्ग से थे, जिसे अछूत समझा जाता था। लेकिन भारत देश की आज़ादी में, इस अनमोल योगदान के बावजूद, सरदार मोहन सिंह जैसे महान योद्धा का नाम भारत के इतिहास से गायब कर दिया ।।
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हिटलर ने फिर उन्हें जो हथियार दिये , वही हथियार आजाद हिन्द फौज ने इस्तेमाल किए और सही मायने मे इस लड़ाई में र॔गून में 50 हजार से ज्यादा अंग्रेजी फौज के मारे जाने के बाद ही अंग्रेजो ने भारत छोड़ने का फैसला लिया था ।।
 
सरदार मोहन सिह जी एक ऐसे दलित वर्ग से थे, जिसे अछूत समझा जाता था। लेकिन भारत देश की आज़ादी में इनके, इस अनमोल योगदान के बावजूद ने, सरदार मोहन सिंह जैसे महान योद्धा का नाम भारत के इतिहास से गायब कर दिया ।।
 
जय जवान. जय हिंद[[चित्र:Fujiwara Kikan.jpg|300px|right|thumb| अप्रैल १९४२ में कैप्टन मोहन सिंह का स्वागत करते हुए मेजर फ्यूजीवारा]]
वंदे मातरम .
'''मोहन सिंह''' (1909–1989) भारतीय सेना के अधिकारी एवं भारतीय स्वतंत्रता के महान सेनानी थे। वे [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के समय दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रथम [[आजाद हिन्द फौज|भारतीय राष्ट्रीय सेना]] (Indian National Army) संघटित करने और इसका नेतृत्व करने के लिए प्रसिद्ध हैं। भारत के स्वतंत्र होने पर [[राज्य सभा]] के सदस्य रहे।
 
जय हिंद[[चित्र:Fujiwara Kikan.jpg|300px|right|thumb| अप्रैल १९४२ में कैप्टन मोहन सिंह का स्वागत करते हुए मेजर फ्यूजीवारा]]
'''मोहन सिंह''' (1909–1989) भारतीय सेना के अधिकारी एवं भारतीय स्वतंत्रता के महान सेनानी थे। वे [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के समय दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रथम [[आजाद हिन्द फौज|भारतीय राष्ट्रीय सेना]] (Indian National Army) संघटित करने और इसका नेतृत्व करने के लिए प्रसिद्ध हैं। भारत के स्वतंत्र होने पर [[राज्य सभा]] के सदस्य रहे।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==