"दक्कन का पठार": अवतरणों में अंतर

दक्कन का पठार सतपुड़ा, महादेव तथा मैकाल श्रृंखला से लेकर नीलगिरी पर्वत के बीच अवस्थित है । इसकी औसत ऊँचाई 300-900 मी. के बीच है । इसे पुनः तीन पठारों में विभाजित किया गया है । (i) महाराष्ट्र का पठार (काली मृदा), (ii) आंध्रप्रदेश का पठार, जिसे ‘आंध्रा प्लेटो’ कहते हैं । इसे 2 भागों में बाँटते हैं - क. तेलंगाना पठार (लावा पठार) ख. रायलसीमा पठार (आर्कियन चट्टानों की प्रधानता) (iii) कर्नाटक पठार (मैसूर पठार) - इसमें आर्कियन चट्टानों की प्रधानता है । यह धात्विक खनिजांे के लिए प्रसिद्ध है ।
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ख. रायलसीमा पठार (आर्कियन चट्टानों की प्रधानता)
(iii) कर्नाटक पठार (मैसूर पठार) - इसमें आर्कियन चट्टानों की प्रधानता है । यह धात्विक खनिजांे के लिए प्रसिद्ध है ।
 
दक्कन का पठार कठोर आग्नेय चट्टानों से बना है । इसका विवरण इस प्रकार है -
 
'''स्थिति तथा आकार -''' दक्कन का पठार विंधयाचल पर्वत श्रेणी तथा प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर के मध्य विस्त्रत है । इसकी आकृति त्रिभुज के समान है । इसकी सबसे अधिक लम्बाई उत्तर में है।
 
'''पहाडियां - दक्कन के पठार''' की पूर्वी सीमा पर विंधयाचल पर्वत श्रेणी तथा महादेेव पहाडियां , तैमूर की पहाडियांं और मैकाल की पहाडियो का विस्तार है ।
 
 
 
 
 
 
 
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== बाहरी कड़ियाँ ==