"भगत सिंह": अवतरणों में अंतर

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== जन्म और परिवेश ==
भगत सिंह संधु का जन्म २८ सितंबर १९०७ को प्रचलित है परन्तु तत्कालीन अनेक साक्ष्यों के अनुसार उनका जन्म १९ अक्टूबर १९०७ ई० को हुआ था।{{efn|name=birth}} उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम [[विद्यावती कौर]] था। यह एक जाट [{सिक्ख}] परिवार था। उनका परिवार पूर्णतः [[आर्य समाज|आर्य समाजी]] था।अमृतसर में १३ अप्रैल १९१९ को हुए जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड ने भगत सिंह की सोच पर गहरा प्रभाव डाला था। लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने भारत की आज़ादी के लिये '''नौजवान भारत सभा''' की स्थापना की थी। काकोरी काण्ड में [[राम प्रसाद 'बिस्मिल']] सहित ४ क्रान्तिकारियों को फाँसी व १६ अन्य को कारावास की सजाओं से भगत सिंह इतने अधिक उद्विग्न हुए कि पण्डित चन्द्रशेखर आजाद के साथ उनकी पार्टी [[हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन|हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन]] से जुड गये और उसे एक नया नाम दिया [[हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन]]। इस संगठन का उद्देश्य सेवा, त्याग और पीड़ा झेल सकने वाले नवयुवक तैयार करना था। भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर १७ दिसम्बर १९२८ को लाहौर में सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अधिकारी जे० पी० सांडर्स को मारा था। इस कार्रवाई में क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आज़ाद ने उनकी पूरी सहायता की थी। क्रान्तिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर भगत सिंह ने वर्तमान नई दिल्ली स्थित [[ब्रिटिश भारत]] की तत्कालीन सेण्ट्रल एसेम्बली के सभागार [[संसद भवन]] में ८ अप्रैल १९२९ को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे। बम फेंकने के बाद वहीं पर दोनों ने अपनी गिरफ्तारी भी दी।गिरफ्तारी के बाद अंग्रेजी सरकार ने उनसे बम फोड़ने की वजह जानना चाही तब भगत सिंह ने कहा,बहरो(deaf) तक अपनी आवाज़ पहुँचाने के लिए धमाके की जरूरत पड़ती है"
 
== क्रान्तिकारी गतिविधियाँ ==