"बहाई धर्म": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Abdulbaha.jpg|right|thumb|300px|अब्दुल बहा, युगावतार बहाउल्लाह के ज्येष्ठ पुत्र]]
 
'''बहाई पंथ''' 19वीं सदी के [[ईरान]] में शुरू हुआ एक [[इब्राहिमी धर्म]] है। इसकी स्थापना [[बहाउल्लाह|संत बहाउल्लाह]] ने की थी। यह [[एकेश्वरवाद]] और विश्वभर के विभिन्न धर्मों और पंथों की एकमात्र आधारशिला पर ज़ोर देता है। इस धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह को पूर्व के अवतारों [[मूसा]], [[यीशु|ईसा]], [[मुहम्मद]], आदि की वापसी मानते हैं। [[किताब-ए-अक़दस]] बहाइयों का मुख्य धार्मिक ग्रन्थ है।
 
बहाई मतों के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्मों का एक ही मूल है। इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुँचाने के लिए नए धर्मों का प्रतिपादन किया जो उस समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था। बहाउल्लाह को कल्कि अवतार के रूप में माना जाता है जो सम्पूर्ण विश्व को एक करने हेतु आएं है और जिनका उद्देश्य और सन्देश है " समस्त पृथ्वी एक देश है और मानवजाति इसकी नागरिक"।