"अनुप्रास": अवतरणों में अंतर

Kuch nahi
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
Dido
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
अलंकार का शाब्दिक अर्थ है आभूषण अर्थात गहना ।जिस प्रकार नारी अलंकार से युक्त होने पर सुंदर दिखती है उसी प्रकार काव्यDidoकाव्य होता है। महाकवि केशव ने अलंकारों को काव्य का अपेक्षित गुण माना है। उनके अनुसार "भूषण बिनु न विराजहि कविता,वनिता,मित्त।"उनकी दृष्टि में कविता तथा नारी भूषण के बिना शोभित नही होते हैं।
अलंकारों के प्रमुख दो भेद हैं-(1)शब्दालंकार,(2)अर्थालंकार।
(1)शब्दालंकार जब कुछ विशेष शब्दों के कारण काव्य में चमत्कार पैदा होता है वहाँ शब्दालंकार होता है। शब्दालंकार के अंतर्गत अनुप्रास,श्लेष,यमक तथा उसके भेद।