"कालिदास": अवतरणों में अंतर

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== जन्म स्थान ==
कालिदास के जन्मस्थान के बारे में भी विवाद है। मेघदूतम् में उज्जैन के प्रति उनकी विशेष प्रेम को देखते हुए कुछ लोग उन्हें उज्ज्नउज्जैन का निवासी मानते हैं।
 
साहित्यकारों ने ये भी सिद्ध करने का प्रयास किया है कि कालिदास का जन्म उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले के कविल्ठा गांव में हुआ था। कालिदास ने यहीं अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की थी औऱ यहीं पर उन्होंने मेघदूत, कुमारसंभव औऱ रघुवंश जैसे महाकाव्यों की रचना की थी। कविल्ठा चारधाम यात्रा मार्ग में गुप्तकाशी में स्थित है। गुप्तकाशी से कालीमठ सिद्धपीठ वाले रास्ते में कालीमठ मंदिर से चार किलोमीटर आगे कविल्ठा गांव स्थित है। कविल्ठा में सरकार ने कालिदास की प्रतिमा स्थापित कर एक सभागार कीका भी निर्माण करवाया है।है जहां पर हर साल जून माह में तीन दिनों तक गोष्ठी का आयोजन होता है, जिसमें देशभर के विद्वान भाग लेते हैं।
 
कालिदास के प्रवाशप्रवास के बहुत कुछ साक्ष्य बिहार के मधुबनी जिला के उच्चैठ में भी मानामिलते जाता है।हैं। कहा जाता है विद्योतमा (कालिदास की पत्नी) से शास्त्राथशास्त्रार्थ में पराजय के बाद कालिदास यहीं गुरुकुल में कालिदास रुके। कालिदास को यहीयहीं उच्चैठ भगवती से ज्ञान का वरदान मीला।मिला। यहायहां आज भी कालिदास का डीह है। यहाँ केकी मिट्टी से बच्चों कोके प्रथम अक्षर लिखने की परंपरा आज भी यहाँ प्रचलित है।
 
कुछ विद्वानों ने तो उन्हें बंगाल और उड़ीसा का भी साबितसिद्ध करने कीका कोशिसप्रयत्न कीकिया है। कहते हैं कि कालिदास की [[श्रीलंका]] में हत्या कर दी गई थी लेकिन विद्वान इसे भी कपोल-कल्पित मानते हैं।<ref>अच्च्युतानंद घिल्डियाल और गोदावरी घिल्डियाल - [http://books.google.co.in/books?id=riYuAQAAIAAJ&q=%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B8+%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%A5&dq=%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B8+%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%A5&hl=en&sa=X&ei=A8jGU9fzIIHh8AX_2YHQCg&ved=0CEEQ6AEwBQ कालिदास और उसका मानवीय साहित्य] गूगल पुस्तक, (अभिगमन तिथि 16.07.2014)</ref>
 
== जीवन ==