"सोडियम बाईकार्बोनेट": अवतरणों में अंतर

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सोडियम बाई कार्बोनेट(NaHCO<sub>3</sub>) आसानी से कार्बन डाई आक्साइड उत्पन्न कर सकता है व कार्बन डाई आक्साइड गैस भारी होनेे के कारण आग तथा वायु के मध्य एक परत का निर्माण कर लेती है। जिससे आग का वायु से संपर्क टूट जाता है व आग बूूूझ जाती है।
 
<big>NOTE : यदि प्रयोगशाला(Laboratory) आदि मे क्षार(Base) के कारण आग लगी हो वहाँ पर NaHCO<sub>3</sub> का प्रयोग नही कर सकते है अन्यथा आग और प्रचण्ड(भीषण) रूप ले सकती है। वहाँँ हम अग्निशामक के रूप मे पायरीन (CCl<sub>4</sub>) का प्रयोग करते है।(from Deepak Tirole)</big>
 
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== इन्हें भी देखें==