"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

व्याकरण
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(14) देवताओं और दैत्यों के दिन और रात्रि पारस्परिक उलटे होते हैं। उनके छः गुणा साठ देवताओं के (दिव्य) वर्ष होते हैं। ऐसे ही दैत्यों के भी होते हैं।
 
(15) बारह सहस्र (हज़ार) दिव्य वर्षों को एक [[चतुर्युगी|चतुर्युग]] कहते हैं। यह तैंतालीस लाख बीस हज़ार सौर वर्षों का होता है।
 
(16) चतुर्युगी की उषा और संध्या काल होते हैं। [[कॄतयुग]] या [[सतयुग]] और अन्य युगों का अन्तर, जैसे मापा जाता है, वह इस प्रकार है, जो कि चरणों में होता है: