"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

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* एक '''[[मुहूर्त]]''' = २ घड़ियां = ४८ मिनट
* एक '''नक्षत्र अहोरात्रम''' या नाक्षत्रीय दिवस = ३० मुहूर्त (दिवस का आरम्भ सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक, ना कि अर्धरात्रि से)
[[शतपथब्राह्मणशतपथ ब्राह्मण]] के आधार पर वैदिक कालमानम् -शतपथ.१२|३|२|५ इस प्रकार है -
# द्वयोः (२) त्रुट्योः- एकः (१) लवः |
# द्वयोः (२) लवयोः- एकः (१) निमेषः |
# पंचशानाम् (१५) निमेषाणाम् एकम् (१) इदानि (कष्ठा) |
# पंचदशानाम् (१५) इदानिनाम् एकम् (१) एतर्हि |
# पंचदशानाम् (१५) एतर्हिणाम् एकम (१) क्षिप्रम् |
# पंचदशानाम् (१५) क्षिप्राणां एकः (१) मुहूर्तः|
# त्रिंशतः (३०) मुहूर्तानाम् एकः(१) मानुषोsहोरात्रः |
# पंचदशानाम् (१५) अहोरात्राणाम् (१) अर्धःमासः |
# त्रिंशतः (३०) अहोरात्राणाम् एकः (१) मासः |
# द्वादशानाम् (१२) मासानाम् एकः (१) संवत्सरः |
# पंचानाम् (५) संवत्सराणाम् एकम् (१) युगम् |
# द्वादशानाम् (१२) युगानाम् एकः (१) युगसंघः भवति |
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:भाग्यं चेति द्वादशैवयुगानिकथितानि हि||
# एके युगसंघे चान्द्राः षष्टिः संवत्सराः भवन्ति|
समयकासमय का मापन प्रारम्भ एक सूर्योदयसे और अहोरात्रकाअहोरात्र मापनकाका मापन का समापन अपर सूर्योदयसेसूर्योदय से होता है |अर्धरात्री से नहिनहीं होता है| जैसा कि कहा है-
 
: ''सूर्योदयप्रमाणेन अहःप्रामाणिको भवेत्।
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* एक '''काष्ठा''' = 5 ''क्षण'', = 8 सैकिण्ड
* एक '''लघु''' =15 ''काष्ठा'', = 2 मिनट.<ref>[http://vedabase.net/sb/3/11/7/en1]</ref>
* 15 '''लघु''' = एक ''नाड़ी'', जिसे ''दण्ड'' भी कहते हैं.हैं। इसका मान उस समय के बराबर होता है, जिसमें कि छः पल भार के (चौदह आउन्स) के ताम्र पात्र से जल पूर्ण रूप से निकल जाये, जबकि उस पात्र में चार मासे की चार अंगुल लम्बी सूईं से छिद्र किया गया हो.हो। ऐसा पात्र समय आकलन हेतु बनाया जाता है.है।
* 2 '''दण्ड''' = एक ''[[मुहूर्त]]''.
* 6 या 7 '''मुहूर्त''' = एक ''याम'', या एक चौथाई दिन या रत्रि.<ref name="vedabase"/>
* 4 '''याम या प्रहर''' = एक दिन या रात्रि.रात्रि। <ref name=""> http://vedabase.net/sb/3/11/10/en1] </ref>
 
=== चाँद्र मापन ===