"हिन्दू काल गणना": अवतरणों में अंतर

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* एक ''[[वर्ष]]'' = 2 '''अयन'''का होता है | [http://vedabase.net/sb/3/11/11/en1]
 
वेदांग ज्योतिष के आधार पर पंचवर्षात्मक युग माना जाता है | प्रत्येक ६० वर्ष में १२ युग व्यतीत हो जाते हैं। १२ युगों के नाम आगे बताया जा चुकेहैं।चुके हैं।
शुक्लयजुर्वेदसंहिता के मन्त्रौंमन्त्रों २७|४५,३०|१५ ,२२|२८,२७|४५ ,२२|३१ मे पंचसंवत्सरात्मक युग का वर्णन है | ब्रह्माण्डपुराण१ब्रह्माण्डपुराण १|२४|१३९-१४३ , लिंगपुराण १|६१|५०-५४, वायुपुराण१वायुपुराण १|५३|१११-११५
म.भारत.आश्वमेधिक पर्व४४|२,४४|१८
कौटलीय अर्थशास्त्र २|२०
सुश्रुतसंहिता सूत्रस्थान-६|३-९
पूर्वोक्त ग्रन्थ वेदांग ज्योतिषकेज्योतिष के अनुगामी है |
 
=== ऊष्ण कटिबन्धीय मापन ===