छो संगीत से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
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प्रामाणिक तौर पर देखें तो सबसे प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, मूर्तियों, मुद्राओं व भित्तिचित्रों से जाहिर होता है कि हजारों वर्ष पूर्व लोग संगीत से परिचित थे। देव-देवी को संगीत का आदि प्रेरक सिर्फ हमारे ही देश में नहीं माना जाता, [[यूरोप]] में भी यह विश्वास रहा है। यूरोप, अरब और फारस में जो संगीत के लिए शब्द हैं उस पर ध्यान देने से इसका रहस्य प्रकट होता है। संगीत के लिए [[यूनानी भाषा]] में शब्द ‘मौसिकी’ (musique), [[लैटिन]] में ‘मुसिका’ (musica), [[फ्रांसीसी]] में ‘मुसीक’ (musique), पोर्तुगी में ‘मुसिका’ (musica), जर्मन में मूसिक’ (musik), अंग्रेजी में ‘म्यूजिक’ (music), इब्रानी, अरबी और फारसी में ‘मोसीकी’। इन सब शब्दों में साम्य है। ये सभी शब्द यूनानी भाषा के ‘म्यूज’(muse) शब्द से बने हैं। ‘म्यूज’ यूनानी परम्परा में काव्य और संगीत की देवी मानी गयी है। कोश में ‘म्यूज’ (muse) शब्द का अर्थ दिया है ‘दि इन्सपायरिंग गॉडेस ऑफ साँग’ अर्थात् ‘गान की प्रेरिका देवी’। यूनान की परम्परा में ‘म्यूज’ ‘ज्यौस’(zeus) की कन्या मानी गयी हैं। ज्यौस’ शब्द [[संस्कृत]] के ‘द्यौस्’ का ही रूपान्तर है जिसका अर्थ है ‘स्वर्ग’। ‘ज्यौस’ और ‘म्यूज’ की धारण [[ब्रह्मा]] और [[सरस्वती]] से बिलकुल मिलती-जुलती है।
 
== लाचारगी है है <ref name=":0" />भारतीय संगीत ==
'''{{मुख्य|भारतीय संगीत}}'''
 
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:'' वीणावादनतत्वज्ञः श्रुतिजातिविशारदः।
:'' तालश्रह्नाप्रयासेन मोक्षमार्ग च गच्छति।<ref name=":0">संगीत रत्नाकर, भाग दाे पृष्ठ संख्या 8</ref>''
संगीत एक प्रकार का योग है। इसकी विशेषता है कि इसमें साध्य और साधन दोनों ही सुखरूप हैं। अतः संगीत एक उपासना है, इस कला के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति होती है। यही कारण है कि भारतीय संगीत के सुर और लय की सहायता से मीरा, तुलसी, सूर और कबीर जैसे कवियों ने भक्त शिरोमणि की उपाधि प्राप्त की और अन्त में ब्रह्म के आनन्द में लीन हो गए। इसीलिए संगीत को ईश्वर प्राप्ति का सुगम मार्ग बताया गया है। संगीत में मन को एकाग्र करने की एक अत्यन्त प्रभावशाली शक्ति है तभी से ऋषि मुनि इस कला का प्रयोग परमेश्वर का आराधना के लिए करने लगे।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/संगीत" से प्राप्त