"पदुमलाल पन्नालाल बख्शी": अवतरणों में अंतर
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== लेखन कार्य ==
उन्होंने 1929 से 1934 तक अनेक पाठ्यपुस्तकों यथा- पंचपात्र, विश्वसाहित्य, प्रदीप की रचना की और वे प्रकाशित हुईं। 1949 से 1957 के दरमियान महत्वपूर्ण संग्रह- कुछ और कुछ, यात्री, हिंदी कथा साहित्य, हिंदी साहित्य विमर्श, बिखरे पन्ने, तुम्हारे लिए, कथानक आदि प्रकाशित हो चुके थे। 1968 का वर्ष उनके लिए अत्य़न्त महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसी बीच उनकी प्रमुख और प्रसिद्ध निबंध संग्रह प्रकाशित हुए जिनमें हम- मेरी अपनी कथा, मेरा देश, मेरे प्रिय निबंध, वे दिन, समस्या और समाधान, नवरात्र, जिन्हें नहीं भूलूंगा, हिंदी साहित्य एक ऐतिहासिक समीक्षा, अंतिम अध्याय को गिना सकते
कार्य।
=== प्रमुख कृतियाँ ===
बख्शी जी की रचनात्मकता का दायरा विशाल है। उन्होंने विभिन्न विधाओं में अनेक पुस्तकों की रचनाएँ तो की ही, प्रकाशित पुस्तकों के अतिरिक्त भी उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं की एक बड़ी संख्या रही हैं। इन रचनाओं में कहानियाँ, एकांकी, अनूदित साहित्य, बाल साहित्य एवं विभिन्न शैलियों में लिखे गये निबंधों की एक बड़ी संख्या शामिल हैं। बख्शी जी के ढेर सारे समीक्षात्मक निबंध भी रोचक कथात्मक शैली में लिखे गये हैं। बख्शी जी ने मौलिक रचनाओं के अतिरिक्त देश-विदेश के कई लेखकों की रचनाओं का सारानुवाद भी किया था। इनमें हरिसाधन मुखोपाध्याय, [[चार्ल्स डिकेंस]], [[बालजाक]], [[अलेक्जेंडर ड्यूमा]], [[गोर्की]] और [[टॉमस हार्डी]] की रचनाएँ शामिल हैं। ये सभी रचनाएँ उनकी ग्रन्थावली में सुसंबद्ध रूप में संकलित हुई हैं।
==== कविताएँ ====
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