"भगवान": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
As per same टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 2:
'''''भगवान = "मानव का शरीर चार भौतिक पदार्थ ( भ = भूमि , ग = गर्मी, व =वायु और न = नीर अर्थात भूमि+गर्मी+ वायु+नीर ) से निर्मित है " शोधकर्ता'''''
'''भगवान''' गुण वाचक शब्द है जिसका अर्थ गुणवान होता है। यह "भग" धातु से बना है ,भग के ६ अर्थ है:-
पंक्ति 13:
जिसके पास ये ६ गुण है वह भगवान है।
== संज्ञा ==
|