"कालिदास": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
व्यास समास (वार्ता | योगदान) टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 14:
== समय ==
कालिदास किस काल में हुए और वे मूलतः किस स्थान के थे इसमें काफ़ी विवाद है। चूँकि, कालिदास ने द्वितीय [[शुंग वंश|शुंग]] शासक अग्निमित्र को नायक बनाकर ''[[मालविकाग्निमित्रम्]]'' Ritesh kumar
नाटक लिखा और अग्निमित्र ने १७० ईसापू्र्व में शासन किया था, अतः कालिदास के समय की एक सीमा निर्धारित हो जाती है कि वे इससे पहले नहीं हुए हो सकते। छठीं सदी ईसवी में [[बाणभट्ट]] ने अपनी रचना [[हर्षचरितम्]] में कालिदास का उल्लेख किया है तथा इसी काल के पुलकेशिन द्वितीय के [[एहोल अभिलेख]] में कालिदास का जिक्र है अतः वे इनके बाद के नहीं हो सकते। इस प्रकार कालिदास के प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईसवी के मध्य होना तय है।<ref>उमाशंकर शर्मा 'ऋषि', संस्कृत साहित्य का इतिहास, चौखम्भा भारती अकादमी, पृष्ठ 202 </ref> दुर्भाग्यवश इस समय सीमा के अन्दर वे कब हुए इस पर काफ़ी मतभेद हैं। विद्वानों में (i) द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व का मत (ii) प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत (iii) तृतीय शताब्दी ईसवी का मत (iv) चतुर्थ शताब्दी ईसवी का मत (v) पाँचवी शताब्दी ईसवी का मत, तथा (vi) छठीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध का मत; प्रचलित थे। इनमें ज्यादातर खण्डित हो चुके हैं या उन्हें मानने वाले इक्के दुक्के लोग हैं किन्तु मुख्य संघर्ष 'प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत और 'चतुर्थ शताब्दी ईसवी का मत' में है।<ref>उमाशंकर शर्मा 'ऋषि', संस्कृत साहित्य का इतिहास, चौखम्भा भारती अकादमी, पृष्ठ 202 </ref> <big>प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत</big> -
|