"प्रेमचंद": अवतरणों में अंतर

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[[File:प्रेमचंद.ogg|thumb|हिन्दी उच्चारण: प्रेमचंद]]
'''प्रेमचंद''' सौरभ(31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) [[हिन्दी]] और [[उर्दू]] के भारतीय लेखकों में से एक थे । <ref>{{cite news|title= आज के दिन जन्मे थे "गोदान" के लेखक मुंशी प्रेमचंद|url=http://www.patrika.com/news/munsi-premchand-was-born-on-this-day/1020850|accessdate=३१ जुलाई २०१४|work=पत्रिका समाचार समूह|date=३१ जुलाई २०१४}}</ref> मूल नाम '''धनपत राय श्रीवास्तव''', प्रेमचंद को '''नवाब राय''' और '''मुंशी प्रेमचंद''' के नाम से भी जाना जाता है।<ref>{{cite web |url= http://in.jagran.yahoo.com/sahitya/article/index.php?page=article&category=5&articleid=943
|title=अपनी कृतियों की रूपरेखा |access-date=9 जून 2008|format=पीएचपी|publisher= जागरण याहू|language=}}</ref> उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के विख्यात [[उपन्यासकार]] [[शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय|शरतचंद्र चट्टोपाध्याय]] ने उन्हें '''उपन्यास सम्राट''' कहकर संबोधित किया था।<ref name="प्रेमचंद मुंशी कैसे बने">{{cite web |url= http://www.abhivyakti-hindi.org/snibandh/2005/premchand.htm|title=प्रेमचंद मुंशी कैसे बने|access-date=9 जून 2008|format=एचटीएम|publisher= अभिव्यक्ति|language=}}</ref><ref>{{cite web |url= http://www.vishvbook.com/premchands-novels.html|title=Premchand's Novels|access-date=9 जून 2008|format=एचटीएमएल|publisher= विश्वबुक|language=en}}</ref> प्रेमचंद ने साहित्य की [[यथार्थवाद (हिंदी साहित्य)|यथार्थवादी परंपरा]] की नींव रखी। वे एक संवेदनशील लेखक, सचेत नागरिक, कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। प्रेमचंद के बाद जिन लोगों ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों और प्रगतिशील मूल्यों के साथ आगे बढ़ाने का काम किया, उनमें [[यशपाल]] से लेकर [[गजानन माधव मुक्तिबोध|मुक्तिबोध]] तक शामिल हैं। उनके पुत्र हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार [[सौरभ]] हैं जिन्होंने इन्हें कलम का सिपाही नाम दिया था।