"राम": अवतरणों में अंतर
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=== भगवान राम के जन्म-समय पर आधुनिक शोध ===
परम्परागत रूप से राम का जन्म त्रेता युग में माना जाता है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में, विशेषतः पौराणिक साहित्य में उपलब्ध
प्रख्यात मराठी शोधकर्ता विद्वान डॉ॰ [[पद्माकर विष्णु वर्तक]] ने एक दृष्टि से इस समय को संभाव्य माना है। उनका कहना है कि वाल्मीकीय रामायण में एक स्थल पर विन्ध्याचल तथा हिमालय की ऊँचाई को समान बताया गया है। विन्ध्याचल की ऊँचाई 5,000 फीट है तथा यह प्रायः स्थिर है, जबकि हिमालय की ऊँचाई वर्तमान में 29,029 फीट है तथा यह निरंतर वर्धनशील है। दोनों की ऊँचाई का अंतर 24,029 फीट है। विशेषज्ञों की मान्यता के अनुसार हिमालय 100 वर्षो में 3 फीट बढ़ता है। अतः 24,029 फीट बढ़ने में हिमालय को करीब 8,01,000 वर्ष लगे होंगे। अतः अभी से करीब 8,01,000 वर्ष पहले हिमालय की ऊँचाई विन्ध्याचल के समान रही होगी, जिसका उल्लेख वाल्मीकीय रामायण में वर्तमानकालिक रूप में हुआ है। इस तरह डाॅ॰ वर्तक को एक दृष्टि से यह समय संभव लगता है, परंतु उनका स्वयं मानना है कि वे किसी अन्य स्रोत से इस समय की पुष्टि नहीं कर सकते हैं।<ref>A REALISTIC APPROACH TO THE VALMIKI RAMAYANA (Translation of the Original Book ‘VASTAVA RAMAYANA’ in Marathi), Dr. Padmakar Vishnu Vartak, English Translation by Vidyakar Vasudev Bhide, Blue Bird (India) Limited, Pune, First Edition-2008, p.282.</ref> अपने सुविख्यात ग्रंथ 'वास्तव रामायण' में डॉ॰ वर्तक ने मुख्यतः ग्रहगतियों के आधार पर गणित करके<ref>A REALISTIC APPROACH TO THE VALMIKI RAMAYANA, ibid, p.290-300.</ref> वाल्मीकीय रामायण में उल्लिखित ग्रहस्थिति के अनुसार राम की वास्तविक जन्म-तिथि 4 दिसंबर 7323 ईसापूर्व को सुनिश्चित किया है। उनके अनुसार इसी तिथि को दिन में 1:30 से 3:00 बजे के बीच राम का जन्म हुआ होगा।<ref>A REALISTIC APPROACH TO THE VALMIKI RAMAYANA, ibid, p.300.</ref>
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