"परिसंचरण तंत्र": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Circulatory System en.svg|thumb|upright|350px|right|की खोज 1628 ईसवी में विलियम हार्वे ने किया था। [[मानव]] का परिसंचरण तंत्र ; यहाँ लाल रंग आक्सीजनयुक्त रक्त का सूचक है तथा नीला रंग आक्सीजनरहित रक्त का सूचक है।]]
 
'''परिसंचरण तंत्र''' या वाहिकातंत्र (circulatory system) [[अंग (शरीररचना)|अंगों]] का वह समुच्चय है जो [[शरीर]] की कोशिकाओं[[कोशिका]]ओं के बीच [[पोषक तत्त्व|पोषक तत्वों]] का यातायात करता है। इससे [[रोग|रोगों]] से शरीर की रक्षा होती है तथा शरीर का ताप एवं [[pH]] स्थिर बना रहता है। [[अमिनो अम्ल]], [[विद्युत अपघट्य]], गैसें, [[हार्मोन]], [[रक्त]] [[कोशिका|कोशिकाएँ]] तथा [[नाइट्रोजन]] के अपशिष्ट उत्पाद आदि परिसंचरण तंत्र द्वारा यातायात किये जाते हैं। केवल रक्त-वितरण नेटवर्क को ही कुछ लोग वाहिका तंत्र मानते हैं जबकि अन्य लोग [[लसीका तंत्र]] को भी इसी में सम्मिलित करते हैं।
 
मानव एवं अन्य कशेरुक प्राणियों के परिसंचरण तंत्र, 'बन्द परिसंचरण तंत्र' हैं (इसका मतलब है कि रक्त कभी भी धमनियों, शिराओं, एवं केशिकाओं के जाल से बाहर '''नहीं''' जाता)। अकशेरुकों के परिसंचरण तंत्र, 'खुले परिसंचरण तंत्र' हैं। बहुत से तुच्छ (primitive animal) में परिसंचरन तंत्र होता ही नहीं। किन्तु सभी प्राणियों का [[लसीका तंत्र]] एक खुला तंत्र होता है।