"सीधी ज़िला": अवतरणों में अंतर

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17वीं शताब्दी में तीन अलग अलग शासक सीधी के तीन क्षेत्रों पर शासन करते थे:
* बर्दी (खटाई) के चंदेला शासक।
* मड़वास में बालेंदु शासकों (चेदि वंश) का राज्य था। जंगलों में राज्य करने वाले ये मुख्य शासक हुआ करते थे। इनका शासन बिहार के सासाराम से लेकर उत्तरप्रदेश के सोनभद्र,सीधी जिले के मड़वास तथा छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले तक फैला हुआ था। जिनकी राजधानी मड़वास थी। इनके राज्य के जंगलों में मुख्यतः सर्वाधिक हाथियों की संख्या थी।
* राजासाहब मडवास ने मझौली खंड पर शासन किया।
* सिंगरौली के राजासाहब।
इनके बाद कसौटा, रीवा से बघेल राजपूत आये। इनका आगमन सीधी में 19वीं शताब्दी में हुआ। तब से लेकर भारत की स्वतंत्रता तक इन्होने पश्चिमी सीधी (चुरहट/रामपुर) पर राज किया। चुरहट के अंतिम राजा राव रणबहादुर सिंह, अर्जुन सिंह के बड़े भाई थे।
 
राजा कान्तदेव सिंह बर्दी खटाई अभी भी सोन के किनारे स्थित अपनी पुश्तैनी हवेली में रहते हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं।
 
राजा अभ्युदय सिंह मड़वास भी मड़वास गढ़ी में ही निवासरत हैं। तथा वे सीधी जिले के वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं।
 
== भूगोल ==