पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका
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कलेक्ट्रेट परिवार द्वारा निवर्तमान कलेक्टर को स्थानांतरित होने पर दी गई भावपूर्ण विदाई
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पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका
 
एआईजीजीपीए में ‘‘असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम’’ व्याख्यान माला
रीवा 08 दिसंबर 2019. रीवा जिले के निवर्तमान कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव के स्थानांतरित होने पर आज कलेक्टर कार्यालय में आयोजित विदाई समारोह में कलेक्ट्रेट परिवार द्वारा भावपूर्ण विदाई दी गई।
सीधी 08 दिसम्बर 2019
 
पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (एआईजीजीपीए) में व्याख्यान माला ‘‘असरदार परिवर्तन-टिकाऊ परिणाम’’ में ष्मीडिया और पर्यावरणष् विषय पर विचार करते हुए वरिष्ठ पत्रकार की अभिलाष खाण्डेकर ने यह बात कही।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि रीवा जिले में कलेक्टर के तौर पर कार्य कर वह अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं। ग्यारह महीने का कार्यकाल अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि रीवा के लोग जागरूक हैं तथा अपने अधिकारों के लिये सजग रहते हैं। श्री श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन को व्यवस्थित रखते हुए आने वाले कार्यों का सहजता से निराकरण करें तो रास्ता अपने आप बनता जाता है। उन्होंने किये गये कार्य को पूजा का तरीका प्रतिपादित करते हुए कहा कि कर्म के द्वारा पूजा का गीता में दिया संदेश सर्वमान्य है। उन्होंने सभी सहयोगियों को टीम भावना से कार्य करने व उन्हें दिये गये सहयोग के प्रति आभार ज्ञापित किया व अपेक्षा की कि सभी नवीन तकनीक का उपयोग कर शासकीय कार्य के साथ अपने परिवार को भी समय दें।
श्री खाण्डेकर ने कहा कि कुछ हद तक तो मीडिया पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है, लेकिन इसको और प्रभावी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मीडिया लगातार नदी संरक्षण, वाइल्ड लाइफ, बायो-डायवर्सिटी और जल संरक्षण की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
 
संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम ने कहा कि केरल की साइलेंट वैली से लेकर चिपको और नर्मदा बचाओ आंदोलन तक में मीडिया का नागरिकों में आम सहमति बनाने में अहम रोल रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया पर्यावरण संबंधी समस्याओं को आसानी से समाज के सामने रख सकता है।
इससे पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने कहा कि निवर्तमान कलेक्टर श्री श्रीवास्तव में सहजता, सरलता के साथ आध्यात्म व प्रशासनिक समन्वय है। जिले में शिक्षा की गुणवत्ता के लिये किये गये प्रयास मध्यप्रदेश में लागू किये गये हैं। अपर कलेक्टर इला तिवारी ने रीवा जिले में निवर्तमान कलेक्टर द्वारा प्रशासनिक एवं धर्मस्व के क्षेत्र में प्रारंभ किये गये कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने श्री श्रीवास्तव के जीवन से प्रेरणा लेने की बात भी कही। अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ शिवांगी अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री श्रीवास्तव हमेशा जिज्ञासु रहते थे। उनका माइक्रो मैनेजमेंट व टेक्नोफ्रेंडली होना हम युवा अधिकारियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। कार्यालय अधीक्षक आरके श्रीवास्तव ने निवर्तमान कलेक्टर के मार्गदर्शन में कार्य करने को अविस्मरणीय बताया।
व्याख्यान माला में प्रमुख सलाहकार श्री गिरीश शर्मा और मंगेश त्यागी सहित संस्थान का स्टाफ उपस्थित था।
 
समाचार क्रमांक 105-2252
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित विदाई समारोह में कलेक्ट्रेट परिवार की तरफ से शॉल, श्रीफल व प्रतीक चिन्ह देकर निवर्तमान कलेक्टर को विदाई दी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमरजीत सिंह ने किया। संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे ने अंत में आभार ज्ञापित किया। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी माला त्रिपाठी, एमपी वरार सहित तहसीलदार व कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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न्याय व्यवस्था में समानता लाना सबसे बड़ी चुनौती - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ
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मुख्यमंत्री द्वारा कॉन फाउंडेशन के सेमिनार का शुभारंभ
सीधी 08 दिसम्बर 2019
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि आज के संदर्भ में मजबूत जन-तंत्र के लिए न्याय पालिका, कार्यपालिका और विधायिका में सुधार लाने की जरूरत है। सबको न्याय मिले, समय पर मिले, इसमें समानता हो, आज हमारे सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है। मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश विधानसभा सभागार में कॉन्फेडरेशन ऑफ एल्युमिनी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी फाउंडेशन (कॉन) द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि हमारी मौजूदा व्यवस्था को हर क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों के संदर्भ में देखना होगा। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता और समानता हमारे देश की एकता का आधार है, जिसे हम न्याय व्यवस्था के जरिए लोगों को उपलब्ध करवाते हैं। श्री कमल नाथ ने कहा कि पूरे विश्व में भारत जैसा कोई देश नहीं है और न ही भारत जैसा किसी देश का संविधान है। उन्होंने कहा कि जब भारत आजाद हुआ, तो संविधान बनाने की चुनौती थी। यह सबसे बड़ी चुनौती थी क्योंकि भारत विविधताओं का देश है। उत्तर से दक्षिण तक खाने और पहनावे में ही विविधताएं हैं। बोलियों और संस्कृतियों तथा रीति-रिवाजों में विविधता है। ऐसे देश के लिए एक संविधान बनाना चुनौतीपूर्ण काम था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी संविधान से कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका अस्तित्व में आई और कानून का शासन जैसे मूल तत्व हमें मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यह चुनौती है कि दुनिया में हो रहे परिवर्तनों के साथ हम कैसे चलें और कैसे उन्हें अपनाने में कामयाब हों। एक चुनौती यह भी है कि परिवर्तनों को देखते हुए किस प्रकार के सुधार कार्यपालिका और न्यायपलिका में करें। उन्होंने कहा कि हमारे पास उद्यमियों की सबसे बड़ी संख्या है। सबसे विशाल युवा मानव संसाधन है। अब से दस साल पहले ज्ञान और टेक्नोलॉजी तक युवाओं की पहुँच सीमित थीं। आज इंटरनेट की वजह से यह बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परिवर्तन को न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को कैसे अपनाना चाहिए, यह चुनौती है।
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि इस बात पर गहनता से विचार करना चाहिए कि आने वाले समय में न्याय पालिका और विधायिका को मिलकर लोगों को कैसे बेहतर व्यवस्था देना है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस श्री ए.के. मित्तल ने कहा कि न्याय के लिए आधारभूत संरचना के साथ ही हमें न्यायिक व्यवस्था में भी मूलभूत परिवर्तन समय के साथ लाना होगा। न्यायिक जागरुकता लाने के साथ ही जमीनी स्तर पर भी न्याय व्यवस्था में सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि कानून से जुड़े छात्रों और वकीलों सहित सभी को मिलकर, अपनी कार्य प्रक्रिया में बदलाव लाकर, बेहतर न्याय की व्यवस्था बनाना है। उन्होंने कहा कि कानून की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थी एक साल ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर इंटर्नशिप करें, ऐसी नीति बनानी होगी। इससे हम लोगों की अपेक्षाएं जान सकेंगे। उन्होंने कहा कि कानून के छात्र अपनी शिक्षा के जरिए कैरियर तो बनाएं लेकिन साथ ही कर्तव्य की भावना से भी इस शिक्षा को ग्रहण करें क्योंकि यह लोगों को न्याय दिलाने से जुड़ी हुई शिक्षा है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री ए.एम. खानविलकर ने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों ने कॉन फाउंडेशन के जरिए शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा की जो पहल की है, वह सबसे बड़ी मानव सेवा है उन्होंने कहा कि हमारी न्याय प्रणाली की नींव का आधार भी समाज का वह वर्ग है, जो गरीब है, साधन विहीन है। उसे न्याय मिले, यह इसका लक्ष्य है। श्री खानविलकर ने कहा कि शिक्षा से उत्कृष्ट मानव विकास होता है। राष्ट्रीय विधि संस्थान इस दृष्टि से एक सक्षम मानव संसाधन तैयार कर रहा है। सांसद श्री विवेक तन्खा ने भी सेमिनार को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया और कॉन फाउंडेशन की पत्रिका ष्चंद्रगुप्तष् का विमोचन किया। फाउंडेशन के सी.ई.ओ. श्री सिद्धार्थ आर. गुप्ता ने फाउंडेशन के उद्देश्य और संचालित गतिविधियों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में जनसम्पर्क एवं विधि-विधायी कार्य मंत्री श्री पी.सी. शर्मा, आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस श्री जे.के. माहेश्वरी, आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल के चेयरमेन जस्टिस श्री राजेन्द्र मेनन, बार कॉसिंल ऑफ इंडिया के चेयरमेन श्री मानन के. मिश्रा एवं मध्यप्रदेश के एडवोकेट जनरल श्री शशांक शेखर उपस्थित थे।
समाचार क्रमांक 106-2253
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भोपाल में एकलव्य आवासीय विद्यालयों की राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता 9 दिसम्बर से
मंत्री श्री मरकाम ने किया स्टोल, टी-शर्ट और स्मृति चिन्ह का अनावरण
सीधी 08 दिसम्बर 2019
सोमवार 9 दिसम्बर को भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में एकलव्य आवासीय विद्यालयों की 5 दिवसीय राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता शुरू होगी। प्रतियोगिता की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने आज टी.टी. नगर स्टेडियम में प्रतियोगिता के लिये तैयार किये गये स्टोल, टी-शर्ट और स्मृति-चिन्ह (कॉफी मग) का अनावरण कर आवासीय विद्यालयों की गतिविधियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस मौके पर प्रमुख सचिव, आदिम-जाति कल्याण श्रीमती दीपाली रस्तोगी उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 9 दिसम्बर को शाम 5 बजे प्रतियोगिता का शुभारंभ करेंगे। समारोह में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा प्रमुख अतिथि और प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम विशिष्ट अतिथि रहेंगे। प्रतियोगिता में 20 राज्यों के 284 एकलव्य विद्यालयों के 4,500 खिलाड़ी 15 खेल विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
खेल प्रतियोगिताएँ राजधानी भोपाल के 6 खेल मैदानों पर होंगी। इनमें से टी.टी. नगर स्टेडियम में एथलेटिक्स, बेडमिंटन, कबड्डी, कराटे, व्हाली-बॉल, बॉक्सिंग, कुश्ती, बॉस्केट-बॉल, ताईक्वांडो और टेबल-टेनिस प्रतियोगिताएँ होंगी। मोतीलाल नेहरू स्टेडियम और एमव्हीएम ग्राउण्ड में फुटबाल प्रतियोगिता होगी। अंकुर स्कूल, 6 नम्बर स्टॉप स्थित खेल मैदान में तीरंदाजी प्रतियोगिता, लाल परेड ग्राउण्ड पर खो-खो और हैण्ड-बॉल, मेजर ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम में हॉकी और प्रकाश तरुण पुष्कर में तैराकी प्रतियोगिता होगी। प्रतियोगिता में शामिल होने वाले खिलाड़ियों और ऑफिशियल्स के आवास एवं परिवहन की समुचित व्यवस्था की गई है। प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिये विभिन्न समितियों का गठन भी किया गया है।
समाचार क्रमांक 107-2254
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एशियन और वर्ल्ड कप शूटिंग प्रतियोगिता के लिए मध्यप्रदेश तैयार- मंत्री श्री पटवारी
सीधी 08 दिसम्बर 2019
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्यप्रदेश एशियन और वर्ल्ड कप शूटिंग प्रतियोगिता की मेजबानी के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की अकादमी अन्तर्राष्ट्रीय मानकों में सबसे अव्वल है। श्री पटवारी आज यहाँ गोरेगांव स्थित शूटिंग अकादमी में 63वीं राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ कर रहे थे।
मंत्री श्री पटवारी ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी की चिंकी यादव और ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने ओलंपिक कोटा हासिल किया है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा शूटिंग के खिलाड़ियों और इस खेल को और अधिक विकसित करने के लिए हर संभव मदद दी जाएगी। श्री पटवारी ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि अगले ओलंपिक में मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी के दस खिलाड़ी ओलंपिक कोटा हासिल करें। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ने प्रतियोगिता में भाग ले रहे खिलाडियों को आश्वस्त किया कि प्रतियोगिता के दौरान किसी भी प्रकार की कोई कमी हो, तो सीधे उनसे सम्पर्क करें अथवा संचालक खेल को बताएं।
संचालक खेल एवं युवा कल्याण डॉ. एस. एल. थाऊसेन ने बताया कि इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश भर के लगभग 7हजार 472 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, यह एक रिकार्ड है। उन्होंने बताया कि देश के ओलम्पिक कोटा प्राप्त 15 शूटर भी इस प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। श्री थाऊसेन ने कहा कि शूटिंग अकादमी में अधोसंरचना विकास की गतिविधियाँ लगातार जारी हैं।
नेशनल राइफल शूटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के श्री पवन सिंह ने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन लगभग 50 साल बाद किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी में सभी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्थाएं की गई हैं उन्होंने कहा कि यह विश्व का सबसे सुविधाजनक और आधुनिक शूटिंग रेंज है।
समाचार क्रमांक 108-2255