कलेक्ट्रेट परिवार द्वारा निवर्तमान कलेक्टर को स्थानांतरित होने पर दी गई भावपूर्ण विदाई
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केन्द्रीय जेल में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का समापन कार्यक्रम आयोजित
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रीवा 08 दिसंबर 2019. रीवा जिले के निवर्तमान कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव के स्थानांतरित होने पर आज कलेक्टर कार्यालय में आयोजित विदाई समारोह में कलेक्ट्रेट परिवार द्वारा भावपूर्ण विदाई दी गई।
 
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि रीवा जिले में कलेक्टर के तौर पर कार्य कर वह अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं। ग्यारह महीने का कार्यकाल अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि रीवा के लोग जागरूक हैं तथा अपने अधिकारों के लिये सजग रहते हैं। श्री श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन को व्यवस्थित रखते हुए आने वाले कार्यों का सहजता से निराकरण करें तो रास्ता अपने आप बनता जाता है। उन्होंने किये गये कार्य को पूजा का तरीका प्रतिपादित करते हुए कहा कि कर्म के द्वारा पूजा का गीता में दिया संदेश सर्वमान्य है। उन्होंने सभी सहयोगियों को टीम भावना से कार्य करने व उन्हें दिये गये सहयोग के प्रति आभार ज्ञापित किया व अपेक्षा की कि सभी नवीन तकनीक का उपयोग कर शासकीय कार्य के साथ अपने परिवार को भी समय दें।
 
रीवा 08 दिसम्बर 2019. केन्द्रीय जेल रीवा में वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के तहत साहित्यिक एवं खेलकूद प्रतियोगिता का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए.के. सिंह, पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर, एडीजे तेजेन्द्र सिंह आजमानी, राघवेन्द्र सिंह चौहान एवं एच.के. मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। कार्यक्रम में बंदियों द्वारा मार्च पास्ट, भजन, सैला, गैड़ी नृत्य, लोक रंजनी कार्यक्रम एवं देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई।
इससे पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने कहा कि निवर्तमान कलेक्टर श्री श्रीवास्तव में सहजता, सरलता के साथ आध्यात्म व प्रशासनिक समन्वय है। जिले में शिक्षा की गुणवत्ता के लिये किये गये प्रयास मध्यप्रदेश में लागू किये गये हैं। अपर कलेक्टर इला तिवारी ने रीवा जिले में निवर्तमान कलेक्टर द्वारा प्रशासनिक एवं धर्मस्व के क्षेत्र में प्रारंभ किये गये कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने श्री श्रीवास्तव के जीवन से प्रेरणा लेने की बात भी कही। अनुविभागीय अधिकारी गुढ़ शिवांगी अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री श्रीवास्तव हमेशा जिज्ञासु रहते थे। उनका माइक्रो मैनेजमेंट व टेक्नोफ्रेंडली होना हम युवा अधिकारियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। कार्यालय अधीक्षक आरके श्रीवास्तव ने निवर्तमान कलेक्टर के मार्गदर्शन में कार्य करने को अविस्मरणीय बताया।
 
इस अवसर पर कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने बंदी भाइयों-बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि इस वार्षिक उत्सव कार्यक्रम के माध्यम से बंदियों को सकारात्मक दिशा में कार्य करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि समस्याएं आदमी के धैर्य की परीक्षा लेती हैं। समस्याओं से जूझते हुए यदि अपने आपको व्यक्ति कमजोर महसूस करता है तो वह अपराध की दिशा में अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि जेल में साहित्य को लेकर आप सबने चिंतन किया जो सराहनीय कार्य है। साहित्य से ही व्यक्ति सकारात्मक चिंतन की ओर मोड़ लेता है। जेल वास्तव में सुधार गृह है जहां अपने आप को बदलने और नई जिंदगी की शुरूआत करने का मौका मिलता है।
कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित विदाई समारोह में कलेक्ट्रेट परिवार की तरफ से शॉल, श्रीफल व प्रतीक चिन्ह देकर निवर्तमान कलेक्टर को विदाई दी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमरजीत सिंह ने किया। संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय अनिल दुबे ने अंत में आभार ज्ञापित किया। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी माला त्रिपाठी, एमपी वरार सहित तहसीलदार व कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
 
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक चेतना समन्वय का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बंदी पिछली बातों को भुलाकर आगे का जीवन अच्छा व्यतीत करने की कोशिश करें। यह जिदंगी एक सौगात और अवसर है जिसे अर्थवान बनाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि संतोष से ही जीवन सार्थक होता है। उन्होंने कहा कि अवसर को पहचानकर उसे कामयाबी में बदलने की कोशिश करें। यह जिंदगी गूंज की तरह है, हम जैसा दूसरों को देते हैं वैसा ही हमें मिलता है। खुशी बांटने से ही खुशी मिलती है।
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मुख्य अतिथि कमिश्नर डॉ. भार्गव एवं अन्य अतिथियों ने विभिन्न खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कार स्वरूप शील्ड, ट्रॉफी एवं प्रमाण पत्र वितरित किए। जेल में महिला बंदियों के बच्चों को खिलौने भी वितरित किए गए। कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए.के. सिंह, पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर, एडीजे तेजेन्द्र सिंह आजमानी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जेल अधीक्षक अनिल सिंह परिहार ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कल्याण अधिकारी डीके सारस ने किया। कार्यक्रम में जेलर रविशंकर सिंह सहित जेल स्टाफ, बंदीगण आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ने बंदियों के कल्याण के लिए 10 हजार रूपये देने की घोषणा की। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बंदियों को अपनी आत्मा को पवित्र बनाने के लिए प्रेरित किया।
 
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