"ज्योतिराव गोविंदराव फुले": अवतरणों में अंतर
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सावित्रीबाई फुले महात्मा फुले जी ने महिलाओ के लिए पहीली पाठशाला बनवाई थी. टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
सावित्रीबाई फुले जी, महात्मा फुले जी के नाम को बोल्ड किया. टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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'''ज्योतिराव गोविंदराव फुले''' (जन्म - ११ अप्रैल १८२७, मृत्यु - २८ नवम्बर १८९०) एक भारतीय समाजसुधारक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें '<nowiki/>'''महात्मा फुले'''<nowiki/>' एवं ''''ज्योतिबा फुले'''<nowiki/>' के नाम से
इनका मूल उद्देश्य स्त्रीयो शिक्षा का अधिकार प्रदान करना,बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है. महात्मा फुले समाज की कुप्रथा,अंधश्रद्धा के जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे, अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्री यो को शिक्षा प्रदान कराने में, स्रियो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया.१९ वी सदी में स्रीयो को शिक्षा नहीं दी जाती थी. महात्मा फुले जी महिलाओ को स्री पुरुष भेदभाव से बचना चाहते थे. उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहिली पाठशाला पुणे में बनाई. स्री यो की तत्कालीन दयनीय स्थिति से महात्मा फुले जी बहुत व्याकुल और दुखी होते थे. इसी लिए उन्होंने द्रूढ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदल लाकर ही रहेंगे. उन्होंने अपनी धर्मपत्नी [[सावित्रीबाई फुले|'''सावित्रीबाई फुले''']] जी को स्वतः शिक्षा प्रदान की. सावित्रीबाई फुले जी भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थी<ref>{{Cite web|url=https://aajtak.intoday.in/education/story/know-about-social-worker-jyotiba-phule-on-his-birth-anniversery-tedu-1-995600.html|title=ज्योतिबा फुले जी का आज जन्मदिन ब्राह्मण वाद के थे विरोधी.|last=Parik|first=Mohit|date=११- एप्रिल - २०१८|website=आजतक|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=१०-डिसेंबर-२०१९}}</ref>.
== आरंभिक जीवन ==
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