"न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

छोटा सा सुधार किया।, व्याकरण में सुधार
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
छोटा सा सुधार किया।, व्याकरण में सुधार
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 3:
इसके बाद [[सर आइज़क न्यूटन]] ने अपनी मौलिक खोजों के आधार पर बताया कि केवल पृथ्वी ही नहीं, अपितु विश्व का प्रत्येक कण अन्य दूसरे कण को अपनी ओर आकर्षित करता रहता है। दो कणों के बीच कार्य करनेवाला आकर्षण बल उन कणों की संहतियों के गुणनफल का (प्रत्यक्ष) समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है। कणों के बीच कार्य करनेवाले पारस्परिक आकर्षण को '''गुरुत्वाकर्षण''' (Gravitation) तथा उससे उत्पन्न बल को '''गुरुत्वाकर्षण बल''' (Force of Gravitation) कहा जाता है। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित उपर्युक्त नियम को '''न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम''' (Law of Gravitation) कहते हैं। कभी-कभी इस नियम को "गुरुत्वाकर्षण का प्रतिलोम वर्ग नियम" (Inverse Square Law) भी कहा जाता है।
 
उपर्युक्त नियम को सूत्र रूप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है : मान लिया m<sub>1</sub> और संहति वाले m<sub>2</sub> संहिति वाले दो पिंड परस्पर d दूरी पर स्थित हैं। उनके बीच कार्य करनेवाले बल F का मान होगा :
 
; F = G m<sub>1</sub> m<sub>2</sub>/d‍<sup>2</sup> .........................(१)