"मानव विकास सूचकांक": अवतरणों में अंतर

H D I इस सूचकांक का प्रतिपादन 1990 ई. में यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (U N D P) से जुड़े अर्थशास्त्री महबूब उल हक तथा उनके सहयोगियों ने किया। मानव विकास सूचकांक के तीन आधारभूत आयाम है-- ज्ञान, जन्म के समय जीवन प्रत्याशा तथा क्रय शक्ति समायोजित प्रति व्यक्ति के रूप में प्रदर्शित जीवन निर्वाह का स्तर। मानव विकास सूचकांक उच्चतम मान 1.0 तक हो सकता है ।मानव विकास सूचकांक स्वास्थ्य शिक्षा आदि के स्तर के आधार पर तैयार किया जाने वाला संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(U N D P) का सूचकांक है।
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मानव '''विकास सूचकांक (HDI)''' एक सूचकांक है, जिसका उपयोग देशों को "मानव विकास" के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित है। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) [जीवन प्रत्याशा], [शिक्षा], और [प्रति व्यक्ति आय] संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है, जो मानव विकास के चार स्तरों पर देशों को श्रेणीगत करने में उपयोग किया जाता है। जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं। एचडीआई का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री[महबूब उल हक] द्वारा किया गया था। इसे [संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम] द्वारा प्रकाशित किया जाता हैं।
 
लता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित है। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) [[जीवन प्रत्याशा]], [[शिक्षा]], और [[प्रति व्यक्ति आय]] संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है, जो मानव विकास के चार स्तरों पर देशों को श्रेणीगत करने में उपयोग किया जाता है। जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं। एचडीआई का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री [[महबूब उल हक]] द्वारा किया गया था। इसे [[संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम]] द्वारा प्रकाशित किया जाता हैं।
 
== उत्पत्ति ==